111 गांव से होकर गुजरेगी रेल लाइन
नई रेल लाइन गोरखपुर और मऊ के 111 गांवों से होकर गुजरेगी। जिसके लिए गोरखपुर के 104 गांवों की जमीन लेने का काम शुरू हो चूक है। इस परियोजना के तहत रेल लाइन बिछाने के लिए 359 एकड़ जमीन लेना है।
नई रेल लाइन गोरखपुर और मऊ के 111 गांवों से होकर गुजरेगी। जिसके लिए गोरखपुर के 104 गांवों की जमीन लेने का काम शुरू हो चूक है। इस परियोजना के तहत रेल लाइन बिछाने के लिए 359 एकड़ जमीन लेना है।
160 की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन
इस परियोजना में 81 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछानी है। इस रेल लाइन पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ सकेगी। मजबूत पटरियों और डिस्टेंस सिग्नल के साथ रेल लाइन पर बिजली के तार भी बिछाए जाएंगे। इस परियोजना में जमीन लेने का काम तेजी से किया जाए इसलिए, इस परियोजना को विशेष रेल परियोजना के नाम दिया गया है।
इस परियोजना में 81 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछानी है। इस रेल लाइन पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ सकेगी। मजबूत पटरियों और डिस्टेंस सिग्नल के साथ रेल लाइन पर बिजली के तार भी बिछाए जाएंगे। इस परियोजना में जमीन लेने का काम तेजी से किया जाए इसलिए, इस परियोजना को विशेष रेल परियोजना के नाम दिया गया है।
4 साल में पूरी करनी है परियोजना
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 4 साल का समय रखा गया है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तीन चरणों में बांटा गया है। पहला चरण 2024 के मार्च में पूरा होगा। इसमें सहजनवा से बैदौली तक 27 किलोमीटर तक रेल लाइन बिछाई जाएगी।
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 4 साल का समय रखा गया है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तीन चरणों में बांटा गया है। पहला चरण 2024 के मार्च में पूरा होगा। इसमें सहजनवा से बैदौली तक 27 किलोमीटर तक रेल लाइन बिछाई जाएगी।
दूसरे चरण का काम 2025 मार्च तक पूरा करने की तैयारी है। इसमें बैदौली से गोलाबाजार तक 29 किलोमीटर तक लाइन बिछाना है। अंतिम चरण का काम 2026 मार्च में पूरा हो जाएग। इसमें गोलाबाजार से न्यू दोहरीघाट तक 25.5 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई जाएगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में पास हुआ था प्रोजेक्ट
इस परियोजना पर 17 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति मिली थी। उसी समय कैबिनेट ने 1320 करोड़ का बजट भी स्वीकृत कर दिया था। इस बार प्रोजेक्ट के लिए 205 करोड़ रुपये का बजट मिला है।
इस परियोजना पर 17 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति मिली थी। उसी समय कैबिनेट ने 1320 करोड़ का बजट भी स्वीकृत कर दिया था। इस बार प्रोजेक्ट के लिए 205 करोड़ रुपये का बजट मिला है।