मधुमिता शुक्ला की हत्याकांड ने प्रदेश में भूचाल ला दिया था
9 मई 2003 को प्रदेश में एक ऐसी हत्या हुई जिसने भूचाल ला दिया। लखीमपुर खीरी की उभरती कवयित्री मधुमिता शुक्ला की लखनऊ के पेपर मिल कॉलोनी स्थित उनके घर में सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। उस समय मधुमिता सात महीने की गर्भवती थीं, और इस तथ्य ने मामले को और भी संगीन बना दिया। जांच में यह खुलासा हुआ कि हत्या के पीछे की वजह मधुमिता और अमरमणि त्रिपाठी के बीच का रिश्ता था। अमरमणि उस समय उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार के तहत कैबिनेट मंत्री थे, और उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा के चलते यह मामला तुरंत सुर्खियों में आ गया।जांच में पता चला कि अमरमणि त्रिपाठी और मधुमिता के बीच लंबे समय से संबंध थे, और जब मधुमिता ने अमरमणि से शादी की मांग की, तब हालात बिगड़ गए। शादी से इंकार करने के बाद, मधुमिता की हत्या की साजिश रची गई। इस साजिश में अमरमणि की पत्नी मधु त्रिपाठी भी शामिल थीं, जिन्हें बाद में अदालत ने दोषी करार दिया।
प्रकाश पांडे ने की थी मधुमिता शुक्ला की हत्या
हत्या को अंजाम देने के लिए प्रकाश पांडे को शूटर के रूप में नियुक्त किया गया। लखनऊ के पॉश इलाके में दिनदहाड़े हुई इस हत्या ने पूरे प्रदेश में भूचाल ला दिया। जांच के दौरान अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी की भूमिका जाहिर हो गई।प्रकाश पांडे का जीवन भी इस हत्याकांड के साथ हमेशा के लिए बदल गया। गोरखपुर के शाहपुर इलाके में रहने वाला प्रकाश, जो एक सामान्य व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, अचानक इस हत्या के बाद देशभर में कुख्यात हो गया। 21 साल की जेल की सजा काटते हुए, पांडे का स्वास्थ्य लगातार गिरता गया। लिवर कैंसर के चलते उसको कुछ महीने पहले ही लखनऊ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। शुक्रवार को उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।