लॉरेंट त्रिपोने, भारत स्थित फ्रांसीसी दूतावास में प्रधान राजनीतिक काउंसलर के पद पर तैनात हैं। वे निजी यात्रा पर गोरखपुर आए थे। इस दौरान रविवार सुबह वह गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने गुरु गोरखनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया। परिसर के अन्य देव मंदिरों का दर्शन करने के साथ ही गोरक्षपीठ के पूर्व पीठाधीश्वरों महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज, महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की समाधि पर शीश झुकाया।
समूचे मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए गोरक्षपीठ, नाथपंथ, इसकी गुरु परंपरा, मंदिर के शैक्षिक, स्वास्थ्य और सेवा प्रकल्पों की विस्तार से जानकारी हासिल की। गोरक्षपीठ की सामाजिक समरसता और इस पीठ के सेवा प्रकल्पों के बारे में जानकर लॉरेंट खुशी से हतप्रभ थे। उन्होंने मंदिर की गोशाला में जाकर गोसेवा कर आत्मीय सुख का आनंद भी लिया। महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में उन्होंने यहीं स्थित मंदिर प्रकाशन की पुस्तकों का अवलोकन किया। मंदिर की तरफ से उन्हें नाथपंथ पर केंद्रित दो पुस्तकें भी भेंट की गईं।
फ्रांसीसी दूतावास में प्रधान राजनीतिक काउंसलर लॉरेंट ने गोरखपुर में कई प्रमुख स्थलों का भ्रमण किया। यहां के विकास को देखकर और यहां आए बदलाव के बारे में जानकर वह काफी प्रभावित दिखे। उन्होंने गीता प्रेस का भ्रमण किया और रामगढ़ताल की खूबसूरती का भी दीदार किया। उन्होंने कहा कि यह उनके द्वारा देखी गई कई खूबसूरत झीलों में से एक है।