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कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह ने कहा कि आज के तकनीकी के युग में बच्चे किताबों से दूर हो रहे हैं और गैजेट्स पर निर्भर हो गए हैं। ऐसे में पुस्तकें पढ़ने को प्रेरित करना एक सराहनीय पहल है। कहा कि पुस्तकें पढ़ने से एकग्रता, रचनात्मकता और कल्पनात्मक शक्ति का विकास विकास होता है। पढ़े गोरखपुर- बढ़े गोरखपुर कार्यक्रम में विश्वविद्यालय और सम्बद्ध महाविद्यालयों के छात्रों एवं शिक्षकों की सहभागिता से कार्यक्रम और भी महत्वपूर्ण हुआ है।
पढ़े गोरखपुर कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि राज्यपाल महोदया की इच्छा के अनुरूप इस कार्यक्रम को आज आयोजित किया गया है। इसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्रों ने भाग लिया और विभिन्न विषयों पर पुस्तकों को पढ़ा। इसी समय जिले के सभी शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने एक साथ पुस्तकें पढ़ी।
कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह ने कहा कि आज के तकनीकी के युग में बच्चे किताबों से दूर हो रहे हैं और गैजेट्स पर निर्भर हो गए हैं। ऐसे में पुस्तकें पढ़ने को प्रेरित करना एक सराहनीय पहल है। कहा कि पुस्तकें पढ़ने से एकग्रता, रचनात्मकता और कल्पनात्मक शक्ति का विकास विकास होता है। पढ़े गोरखपुर- बढ़े गोरखपुर कार्यक्रम में विश्वविद्यालय और सम्बद्ध महाविद्यालयों के छात्रों एवं शिक्षकों की सहभागिता से कार्यक्रम और भी महत्वपूर्ण हुआ है।
पढ़े गोरखपुर कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि राज्यपाल महोदया की इच्छा के अनुरूप इस कार्यक्रम को आज आयोजित किया गया है। इसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्रों ने भाग लिया और विभिन्न विषयों पर पुस्तकों को पढ़ा। इसी समय जिले के सभी शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने एक साथ पुस्तकें पढ़ी।
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पढ़े गोरखपुर कार्यक्रम में संकायाध्यक्ष प्रो. जितेंद्र मिश्रा, प्रो. अवधेश तिवारी, प्रो एन. पी. भोक्ता, प्रो. डी. एन. यादव, प्रो. ओ. पी. पाण्डेय, प्रो. गोपाल प्रसाद, प्रो. एस. के. सिंह, प्रो. सुधीर श्रीवास्तव, प्रो. मुकुंद शरण त्रिपाठी, मुख्य नियंता प्रो. प्रदीप कुमार यादव, प्रो. अवनीश राय, प्रो. मनीष मिश्रा, प्रो. उपेन्द्र त्रिपाठी, डॉ सुधाकर लाल श्रीवास्तव एवं लेखा अधिकारी पी. एन. सिंह, डॉ. जितेंद्र कुशवाहा, प्रकाश प्रियदर्शी, डॉ. सुमन, डॉ. दुर्गेश पाल, डॉ. रजनीश श्रीवास्तव ने भी अपने मनपसंद की किताबें पढ़ी।
पढ़े गोरखपुर कार्यक्रम में संकायाध्यक्ष प्रो. जितेंद्र मिश्रा, प्रो. अवधेश तिवारी, प्रो एन. पी. भोक्ता, प्रो. डी. एन. यादव, प्रो. ओ. पी. पाण्डेय, प्रो. गोपाल प्रसाद, प्रो. एस. के. सिंह, प्रो. सुधीर श्रीवास्तव, प्रो. मुकुंद शरण त्रिपाठी, मुख्य नियंता प्रो. प्रदीप कुमार यादव, प्रो. अवनीश राय, प्रो. मनीष मिश्रा, प्रो. उपेन्द्र त्रिपाठी, डॉ सुधाकर लाल श्रीवास्तव एवं लेखा अधिकारी पी. एन. सिंह, डॉ. जितेंद्र कुशवाहा, प्रकाश प्रियदर्शी, डॉ. सुमन, डॉ. दुर्गेश पाल, डॉ. रजनीश श्रीवास्तव ने भी अपने मनपसंद की किताबें पढ़ी।
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अलग-अलग विषय की पुस्तकों को पढ़ा विद्यार्थियों ने कुछ खास विषयों को पढ़ने पर विशेष जोर दिया था। पर्यावरण संरक्षण, आईपीसी एक्ट, ग्लोबल वार्मिंग, शिक्षा के बदलते आयाम, नई शिक्षा नीति, सामाजिक नियंत्रण करंट अफेयर्स, टेल्स फ्रॉम शेक्सपीयर, स्टोरीज ऑफ परमवीर चक्र आदि किताबों को पढ़ा।
पढ़े गोरखपुर के मुख्य कार्यक्रम के लिए विश्वविद्यालय में बनाई गई समिति के सदस्य लगातार कार्यक्रम की निगरानी और अनुशासन बनाए रखने में लगे रहे। डॉ. ओम प्रकाश सिंह, डॉ आशीष शुक्ला, डॉ. लक्ष्मी मिश्रा, डॉ. अमित उपाध्याय, डॉ. मनीष पाण्डेय,डॉ. दीपेंद्र मोहन सिंह, डॉ. शुभम सिंह, डॉ. तूलिका मिश्रा, डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. के सुनीता शिक्षा संकाय विभाग में डॉ अनुपम सिंह, डॉ नीतू सिंह एवं वाणिज्य संकाय में डॉ. हर्ष देव शर्मा, डॉ. राजू कुमार गुप्ता ने लगातार निगरानी करते रहे।
अलग-अलग विषय की पुस्तकों को पढ़ा विद्यार्थियों ने कुछ खास विषयों को पढ़ने पर विशेष जोर दिया था। पर्यावरण संरक्षण, आईपीसी एक्ट, ग्लोबल वार्मिंग, शिक्षा के बदलते आयाम, नई शिक्षा नीति, सामाजिक नियंत्रण करंट अफेयर्स, टेल्स फ्रॉम शेक्सपीयर, स्टोरीज ऑफ परमवीर चक्र आदि किताबों को पढ़ा।
पढ़े गोरखपुर के मुख्य कार्यक्रम के लिए विश्वविद्यालय में बनाई गई समिति के सदस्य लगातार कार्यक्रम की निगरानी और अनुशासन बनाए रखने में लगे रहे। डॉ. ओम प्रकाश सिंह, डॉ आशीष शुक्ला, डॉ. लक्ष्मी मिश्रा, डॉ. अमित उपाध्याय, डॉ. मनीष पाण्डेय,डॉ. दीपेंद्र मोहन सिंह, डॉ. शुभम सिंह, डॉ. तूलिका मिश्रा, डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. के सुनीता शिक्षा संकाय विभाग में डॉ अनुपम सिंह, डॉ नीतू सिंह एवं वाणिज्य संकाय में डॉ. हर्ष देव शर्मा, डॉ. राजू कुमार गुप्ता ने लगातार निगरानी करते रहे।