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दो ठेकेदारों पर आरोप है कि उनके द्वारा कैंपियरगंज विधायक फतेह बहादुर सिंह का लेटरपैड हासिल कर उनके फर्जी हस्ताक्षपर पर सिफारिशी पत्र तैयार किया गया। इस प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निर्माण निगम ने सड़कों को स्वीकृति प्रदान कर दी। दोनों ठेकेदारों के फर्म से निगम ने एग्रीमेंट भी कर लिया।
जब निगम ने विधायक को परियोजना स्वीकृति के बारे में सूचना दिया गया तो सारा पोल खुला।
बताया जा रहा है कि कैंपियरगंज विधानसभा क्षेत्र के पंचगांवा, बरगदही, मडहा और फुलवरिया में इंटरलॉकिंग सड़क व नाली बनाने का प्रस्ताव निगम ने स्वीकृत किया है लेकिन विधायक पक्ष का दावा है कि इसे किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं दिया था। साजिश के तहत सड़क व नाली बनवाने का प्रस्ताव दिया गया। इसकी जांच नहीं हुई और प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगा दी।
विधायक को जब इस मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने एसएसपी डाॅ.सुनील गुप्ता को इसकी जानकारी दी। एसएसपी ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है।
दो ठेकेदारों पर आरोप है कि उनके द्वारा कैंपियरगंज विधायक फतेह बहादुर सिंह का लेटरपैड हासिल कर उनके फर्जी हस्ताक्षपर पर सिफारिशी पत्र तैयार किया गया। इस प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निर्माण निगम ने सड़कों को स्वीकृति प्रदान कर दी। दोनों ठेकेदारों के फर्म से निगम ने एग्रीमेंट भी कर लिया।
जब निगम ने विधायक को परियोजना स्वीकृति के बारे में सूचना दिया गया तो सारा पोल खुला।
बताया जा रहा है कि कैंपियरगंज विधानसभा क्षेत्र के पंचगांवा, बरगदही, मडहा और फुलवरिया में इंटरलॉकिंग सड़क व नाली बनाने का प्रस्ताव निगम ने स्वीकृत किया है लेकिन विधायक पक्ष का दावा है कि इसे किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं दिया था। साजिश के तहत सड़क व नाली बनवाने का प्रस्ताव दिया गया। इसकी जांच नहीं हुई और प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगा दी।
विधायक को जब इस मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने एसएसपी डाॅ.सुनील गुप्ता को इसकी जानकारी दी। एसएसपी ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है।
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