उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत कर चुके हैं DGP
गोरखपुर में अपने दस महीने के कार्यकाल में महत्वपूर्ण केस में एसआईटी गठित होने पर उन्हें इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई। जिसे उन्हें निभाया भी और गिरोह को पर्दाफाश कर बदमाशों को जेल भिजवाया। अभी हाल में ही स्टांप गिरोह का पर्दाफाश करने पर उन्हें डीजीपी द्वारा पुरस्कृत भी किया गया था। वह खुद मानती हैं कि गोरखपुर में रहने के दौरान जालसाजी के तरह-तरह के तरीकों को न सिर्फ समझा, बल्कि उस पर काम कर मिला अनुभव उनके कॅरिअर में आगे भी काम आएगा। अंशिका ने बताया कि यहां पर रहने के दौरान 45 केस की विवेचना की, जिसमें सीनियरों का मार्गदर्शन मिला, जिससे बहुत सीखी हूं, जो आगे काम आएगाप्रयागराज की हैं निवासी, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से हैं बीटेक
अंशिका की शुरुआती शिक्षा दीक्षा नोएडा से हुई।इसके बाद अंशिका वर्मा नोएडा के एक कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की। आईपीएस अंशिका वर्मा ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। उन्होंने बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। बिना किसी कोचिंग में प्रवेश लिये अंशिका ने सेल्फ स्टडी का रास्ता चुना और कड़ी मेहनत की। हालांकि यूपीएससी के पहले प्रयास में वह असफल हो गयीं। लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा था कि वह दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफल हो गयी। अंशिका वर्मा ने 136वां रैंक हासिल किया था। अंडर ट्रेनी आईपीएस अंशिका वर्मा को आगरा के फतेहपुर सीकरी थाने में एसएचओ की जिम्मेदारी मिली थी। इसके बाद उन्होंने गोरखपुर में एएसपी पद का कार्यभार भी संभाला। वहां पर वह सीओ कैंट की जिम्मेदारी निभा रही थीं।