परिजनों का कहना है कि उनका नौ वर्षीय बेटा पांचवीं कक्षा का छात्र है। बीते दिनों उसका सहपाठियों संग झगड़ा हुआ था, जिसके बाद कथित तौर पर एक शिक्षक ने उसकी पिटाई कर दी थी। नाराज परिजनों ने इसकी शिकायत स्कूल के प्रधानाचार्य से की तो उन्होंने अपने अध्यापक पर कार्यवाही करने से इनकार कर दिया। इसके बाद नाराज परिजनों ने बेटे को स्कूल से निकालने की बात कहते हुए स्थानांतरण प्रमाण (टीसी) पत्र मांगा। लेकिन जब उन्होंने टीसी देखा तो उनके होश उड़ गये।
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…और टीसी में लिख दिया चरित्रहीनट्रांसफर सर्टिफिकेट में छात्र को चरित्रहीन बताया गया था। प्रधानाचार्य ने चरित्र वाले कॉलम में चरित्रहीन लिख दिया। परिजनों ने हंगामा करते हुए प्रधानाचार्य से सही कर नई टीसी जारी करने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया। परिजनों का आरोप है कि शिक्षक की शिकायत करने और बच्चे को स्कूल से निकालने पर उसे दंडित करने के लिए स्कूल प्रबंधन ने ऐसी टीसी जारी की है, ताकि उसका और कहीं एडमिशन न हो पाये। प्रधानाध्यापक ने बताया कि बच्चे के मां-बाप टीसी बनाने की जिद पर अड़े थे। इस पर उन्होंने टीसी बनाकर बच्चे का जैसा चरित्र है, वैसा लिख दिया।
डीएम ने बीएसए को सौंपी जांच
गोंडा जिलाधिकारी नितिन बंसल ने कहा कि जिले के एक प्राइमरी स्कूल पर आरोप है कि वहां पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले नौ वर्ष के छात्र के स्थानांतरण प्रमाण पत्र में चरित्रहीन लिख दिया है। इसके अलावा टीसी लेने के दौरान छात्र के परिजन और प्रधानाचार्य के विवाद की भी खबर मिली है। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच सौंपी गई है। आरोप सही पाये गये तो प्रधानाचार्य के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
गोंडा जिलाधिकारी नितिन बंसल ने कहा कि जिले के एक प्राइमरी स्कूल पर आरोप है कि वहां पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले नौ वर्ष के छात्र के स्थानांतरण प्रमाण पत्र में चरित्रहीन लिख दिया है। इसके अलावा टीसी लेने के दौरान छात्र के परिजन और प्रधानाचार्य के विवाद की भी खबर मिली है। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच सौंपी गई है। आरोप सही पाये गये तो प्रधानाचार्य के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।