गोंडा जिले के मनकापुर थाना के गांव भरहू भट्ठा के रहने वाले बटेश्वरी चौहान की 20 जुलाई को उनके घर पर अज्ञात लोगों ने धारदार हथियार से हत्या दी। मृतक के गले और सिर पर चोट के गहरे निशान थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक मूल रूप से वजीरगंज थाना के गांव उदयपुर ग्रांट के रहने वाला था। कुछ समय पूर्व यहां पर मकान बनाकर अकेले रह रहे थे। मृतक के पोते के पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू की। पुलिस ने इस मामले में तमाम तकनीकी साक्ष्य के आधार पर मृतक के पोती को हिरासत में लेकर पूछताछ किया तो पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठ गया। पुलिस को पूछताछ में मृतका की पोती रिंका चौहान ने बताया कि मृतक बटेश्वरी चौहान मेरे सगे बाबा थे। हमारे चार सगे भाई और दो सगी बहनें हैं। करीब डेढ़ साल तक मैं और मेरी मम्मी ने बाबा की सेवा सत्कार किया। दूसरे भाई की पत्नी को जमीन बैनामा करने से नाराज पोती ने रची बाबा के हत्या की साजिशलेकिन मेरे बाबा का लगाव मेरी दूसरे नम्बर की भाभी सरस्वती पत्नी विनोद चौहान की तरफ हो गया। बाबा हम लोगो को घर से हटा दिये। तभी से मेरी भाभी सरस्वती बाबा पटेश्वरी का सेवा सत्कार करने लगी। मेरे बाबा ने 2 बीघा खेत सरस्वती के नाम बैनामा भी कर दिया था। भरहूँ भट्टा वाला पक्का मकान और जमीन भी बेचने और सरस्वती के नाम करने की बात कर रहे थे। जिससे मुझे लगा की मेरे बाबा कुछ दिन और जिन्दा रहेगें। तो अपनी सारी चल अचल सम्पत्ति सरस्वती के नाम ही कर देगें। अगर मर जायेगें तो सभी भाईयों का बराबर हिस्सा बन जायेगा। इसी बात को लेकर मैने कुछ दिन पहले अपने दोस्त दिनेश चैहान के साथ मिलकर बाबा बटेस्वरी की हत्या करने की योजना बनायी थी। ग्राम अम्बरपुर के सलमान और ग्राम बन्दरहा के अखिलेश उपाध्याय मुझसे अयोध्या में दुकान लगवाने की सिफारिश कर रहे थे। इसलिए मैने अपने बाबा की हत्या कराने के लिए इस योजना में इनको भी शामिल कर लिया।