Gonda News:उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बाढ़ से प्रभावित
गोण्डा जिले के किसानों और ग्रामीणों को बड़ा संबल प्रदान किया है। इस बार की बाढ़ में फसलों के नष्ट होने से जिले के 3300 से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं। उनकी इस परेशानी को समझते हुए सरकार ने 1.91 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की है। साथ ही, बाढ़ और कटान से प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्वास के कार्यों में भी प्रशासन तेजी से जुटा हुआ है। बाढ़ प्रभावितों के लिए रोटी, छत, और पशुओं के चारे तक की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। घाघरा नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के कारण कई गांवों में कटान की समस्या उत्पन्न हो रही है। आंकड़ों की बात करें तो इस समस्या से लगभग 115 किसान प्रभावित हुए हैं। जिन्हें 8.17 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा दिया गया है। इसके अतिरिक्त, 34 क्षतिग्रस्त झोपड़ियों और पक्के मकान के लिए भी लगभग चार लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया गया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी प्रभावित परिवार राहत से वंचित न रहे और उन्हें जल्द से जल्द सहायता मिले।
भूमि कटान और मकान क्षति के लिए राहत कार्य
अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार पूरी तरह से संजीदा है। जिले में नदी के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव से कई गांवों में कटान की समस्या बनी हुई है। इस स्थिति को देखते हुए 115 किसानों को 8.17 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा वितरित किया गया है। इसी तरह, दो दिन पहले साकीपुर गांव में कटान से एक पक्का मकान प्रभावित हुआ। लेकिन प्रशासन की तत्परता से उस परिवार को पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया। उन्हें तत्काल राहत सामग्री भी प्रदान की गई। इसी तरह, अन्य प्रभावितों को भी सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
राहत सामग्री का वितरण और प्रशासन की सक्रियता
जिला प्रशासन ने राहत सामग्री के वितरण में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब तक 9,150 परिवारों को खाद्य सामग्री का वितरण किया जा चुका है। जबकि 47 हजार से अधिक लोगों को फूड पैकेट्स मुहैया कराए गए हैं। प्रशासन ने 129 राहत चौपालों का आयोजन कर लोगों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण भी सुनिश्चित किया है। यह कदम प्रशासन की संवेदनशीलता और तत्परता को दर्शाता है।
आपदा प्रबंधन के लिए प्रशासन की तैयारी
आपदा प्रबंधन के मामले में भी प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। एडीएम आलोक कुमार ने बताया कि वर्तमान में घाघरा नदी खतरे के निशान से 17 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। लेकिन पानी के उतार-चढ़ाव के कारण कटान की स्थिति बनी हुई है। बहुवन मदार माझा गांव में कटान की सूचना पर अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक टीम पूरी सक्रियता से कार्य कर रही है। संभावित क्षेत्रों में निरंतर नजर रखी जा रही है।