Gonda News: योगी सरकार के निर्देश के क्रम में देवीपाटन मंडल के शशि भूषण लाल सुशील ने रविवार की रात 2 बजे अस्पतालों की हकीकत जानने के लिए। जिले के
गोंडा– बहराइच हाईवे पर आर्यनगर कस्बा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुपईडीह का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती कई मरीज और उनके परिजनों से बात कर अस्पताल की हकीकत का पता लगाया। जिस पर कई परिजनों ने बताया कि डॉक्टर दिन में रहते हैं। परंतु रात में चले जाते हैं। निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय का एकमात्र कक्ष सर्जिकल वार्ड खुला मिला। जिसमे पूनम निवासी रायपुर मनोरमा तथा उषा निवासी सूबेदार पूर्व सहजनवा की आज ही नॉर्मल डिलीवरी हुई है। मरीजों के परिजनों ने अस्पताल से बाहर की दवा लिखने की भी शिकायत की गई। अस्पताल में भर्ती दो प्रसूताओं के परिजनों ने बताया कि डॉक्टरने दो – दो हजार रूपये बाहर की दवा लिखी है।
ना मिला कोई चौकीदार ना ही कोई सफाई कर्मी
आयुक्त के निरीक्षण के दौरान कोई भी डॉक्टर मौजूद नही पाया गया। सीएचसी अधीक्षक भी मौजूद नहीं मिलें। इसके अलावा अस्पताल में ना तो कोई चौकीदार पाया गया। ना ही कोई सफाईकर्मी मिला। स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉक्टर के बारे में पता लगाया गया तो पता चला कि वें गोंडा मुख्यालय से आते जाते हैं। हालांकि स्टाफ नर्स व दाई उपस्थित मिली। परन्तु निरीक्षण के दौरान सर्जिकल वार्ड का कक्ष खुलवाने पर स्टाफ नर्स अनुपमा तथा दाई सीमा सोती हुई पाई गईं। उनके अलावा अस्पताल में कोई भी स्टाफ मौजूद नहीं मिला।
बिजली जाने पर मरीज रहते हैं परेशान
आयुक्त के निरीक्षण के दौरान अस्पताल में बिजली पाई गई परंतु पता लगाने पर पाया गया कि अस्पताल में जनरेटर मौजूद नहीं है। गर्मी के दिनों में बिजली जाने पर मरीज गर्मी से परेशान रहते हैं। आयुक्त ने अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देवीपाटन मंडल को इस समस्या के बारे में अवगत कराते हुए समाधान करने के निर्देश दिये।
आयुक्त ने कठोर कार्रवाई के लिए अपर निदेशक को लिखा पत्र
आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देवीपाटन मंडल को पत्र भेज कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुपईडीह की स्थिति अत्यंत चिंताजनक बताते हुए सीएचसी अधीक्षक तथा अन्य स्टाफ के खिलाफ कार्रवाईकरने के आदेश दिए। साथ में कहा कि सभी चिकित्सालय में रात्रि कालीन डॉक्टर व आवश्यक स्टाफ हर हाल में मौजूद रहे और शासन की मंशा के अनुरूप जन सामान्य को आवश्यक चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराई जाए। भविष्य में अन्य स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करने पर स्थिति में सुधार न पाए जाने की दशा में संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।