गोंडा उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ व जनपद न्यायाधीश डॉ० दीपक स्वरूप सक्सेना के निर्देश के पर राजकीय सम्प्रेक्षण गृह किशोर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण , के सचिव कृष्ण प्रताप सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
शिविर के दौरान राजकीय सम्प्रेक्षण गृह किशोर के प्रभारी अधीक्षक रमाशंकर कनौजिया द्वारा बताया गया कि आज कुल 54 किशोर में से जनपद गोण्डा के 14 किशोर , जनपद बहराइच के 24 किशोर , जनपद बलरामपुर के 12 किशोर तथा जनपद श्रावस्ती के 04 किशोर निरूद्ध हैं । शिविर में सचिव द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि बच्चे देश के भविष्य होते हैं। यदि देश के भविष्य के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। तो भविष्य के साथ – साथ उनका वर्तमान भी नीचे गिर जाता है । बालकों को पारिवारिक जिम्मेदारियों के बोझ से दबाना नही चाहिए। यदि किसी कारणवश ऐसा करना मजबूरी हो तो उन्हें जीवन की बुनियादी सुविधायें देना आवश्यक है। जैसे शिक्षा , भोजन , आवास , वस्त्र आदि। एक मजबूत राष्ट्र निर्माण के लिए राष्ट्र के स्तम्भ मजबूत होने चाहिए , बच्चे राष्ट्र के स्तम्भ होते हैं। यदि वे कमजोर होते हैं तो राष्ट्र भी कमजोर होता है।
सचिव द्वारा उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं नालसा बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं योजना -2015 के साथ बाल श्रम निवारण हेतु विधिक प्रावधानों की भी जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय संविधान के भाग -3 में मौलिक अधिकार के अन्तर्गत अनुच्छेद 15 , 21 ए , 24 , भाग 4 के अन्तर्गत अनुच्छेद 45 , 243 जी में बालकों के सुरक्षा हेतु उपबन्ध बताये गए हैं। इसके अतिरिक्त श्रम अधिनियम के तहत भी बाल श्रम निवारण हेतु विधिक प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी गयी।
इस अवसर पर राजकीय सम्प्रेक्षण गृह के केयर टेकर अशरफी लाल , हरिश्चन्द्र संतोष , अंशकालिक रसोइया संजीव एवं होमगार्ड राम तीरथ , नान्हें राज यादव तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लिपिक मुकेश कुमार वर्मा आदि उपस्थित रहे।
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