क्या है पूरा मामला?
दरअसल,
लखनऊ में एलडीए कॉलोनी सेक्टर-ए निवासी मनोज कुमार के मुताबिक 20 अक्टूबर को वह गोंडा से लखनऊ आए थे। रात करीब नौ बजे पत्नी संध्या, किराएदार मुकेश शर्मा और उनकी पत्नी के साथ पूजा के लिए मनोज भी छत पर गए थे। वह मुकेश से खड़े होकर बात कर रहे थे। अचानक से कंधे में जलन महसूस हुई और खून बहने लगा। जिसे देख कर सब लोग घबरा गए। शर्ट हटाने पर दाहिने कंधे में छेद नजर आया और बुलेट नीचे फर्श पर जा गिरी। मनोज ने बताया कि इंस्पेक्टर आशियाना को घटना की जानकारी देते हुए फर्श पर गिरी बुलेट भी सौंपी गई थी। घटना के पांच दिन गुजरने के बाद भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। यह आरोप मनोज कुमार मौर्य ने लगाया।
जख्मी होने के बाद भी डीपीओ ड्यूटी पर
कंधे पर गोली का जख्म होने के बाद भी डीपीओ मनोज कुमार मौर्य शनिवार सुबह विकास भवन स्थित अपने कार्यालय पहुंचे। उन्होंने विभागीय कर्मचारियों के साथ मीटिंग करके विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। इसके बाद वह निरीक्षण के लिए निकल गए। बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार मौर्य ने करवाचौथ पर लखनऊ में गोली लगने की पुष्टि की है।
पुलिस मामले की जांच में जुटी
एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, श्री मौर्य ने बताया कि बताया कि लखनऊ में करवा चौथ के दिन मकान की छत पर परिवार के साथ पूजन कर रहे थे। अचानक उनके सीने के ऊपरी हिस्से में जोरदार धक्का लगा जिसकी चर्चा की तो परिवार के लोगों ने कहा कि कंधे के बगल शर्ट में छेद हो गया है। शर्ट निकाला तो हल्का सा खून बह रहा था। साथ ही एक बुलेट भी गिरी। हालांकि डीपीओ ने बताया कि मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं और काम कर रहा हूं। यह भी बताया कि इस घटना को लेकर उन्हें किसी पर शक नहीं है। वह खुद भी हतप्रभ हैं कि उन्हें गोली कैसे लगी। उनका कहना है कि घटना महज इत्तेफाक थी। डीपीओ ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। हालांकि अभी मामले की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है।