Diwali 2024: दिवाली के दिन जिस कंद की सब्जी बनती है। उसे कुछ जगहों पर सूरन, जिमीकंद या ओल भी कहा जाता है। एक जड़ वाली सब्जी है। जो विशेष रूप से सर्दियों में खाई जाती है। इसका स्वाद तीखा और तीव्र होता है। लेकिन मसालों और देशी घी के साथ पकाने पर इसका स्वाद और भी अधिक लजीज हो जाता है। दिवाली के दिन इस सब्जी का महत्व इसलिए है, क्योंकि यह पाचन तंत्र को मजबूत करती है। जो त्योहारों के दौरान भारी भोजन के बाद शरीर को हल्का रखने में सहायक होती है।
कई रोगों में गुणकारी इनमें पाए जाते ये पोषक तत्व
आयुर्वेद के डॉक्टर के मुताबिक कंद को कई रोगों के उपचार के लिए लाभकारी माना गया है। इसमें फाइबर, विटामिन बी6, और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व होते हैं। जो पाचन क्रिया में सुधार करते हैं। पेट की समस्याओं को दूर रखते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल कम होता है। हृदय रोगों का खतरा भी घटता है। इसके अलावा, कंद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। दिवाली पर जब हम अपने परिवार के साथ बैठकर कंद की इस स्वादिष्ट सब्जी का आनंद लेते हैं। तो यह केवल एक भोजन नहीं बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर एक कदम होता है। हर परिवार इस दिन इसे अपने खास मसालों के साथ तैयार करता है। जिससे हर घर में इसका अलग और अनोखा स्वाद होता है। इसकी सब्जी खाने से आती घर में सुख समृद्धि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली पर जिमीकंद खाने से घर में सुख और समृद्धि आती है। दरअसल जिमीकंद का फल जड़ से काटने के बावजूद फिर से उग जाता है। जिसके चलते जिमीकंद को सुख और समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है।