वहीं, इस हादसे के पीछे साजिश की आशंका भी सामने आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन के लोको पायलट ने हादसे से ठीक पहले किसी धमाके की आवाज सुनी थी। लोको पायलट की सूचना के बाद रेलवे प्रशासन ने सभी एंगल पर जांच शुरू कर दी है। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज सिंह के अनुसार सीआरएस (कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) की जांच कराई जाएगी।
रेलवे ने सहायता के लिए जारी किए हेल्पलाइन नंबर
डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटना पर पूर्वोत्तर रेलवे के CPRO पंकज सिंह ने कहा, “ट्रेन मोतीगंज और ढिलाई के बीच पटरी से उतर गई। इस हादसे में 6 लोगों को मामूली चोटें आई हैं और 2 लोगों की मृत्यु हुई है। हमारी प्राथमिकता जल्द से जल्द बचाव अभियान पूरा करना है ताकि ट्रेनें फिर से रूट पर चलना शुरू हो जाएं। एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। इस ट्रेन के यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए एक विशेष ट्रेन चलाई जाएगी। रेलवे की टीम रेलवे ट्रैक की बहाली के लिए मौके पर पहुंच गई है।”
हादसे की उच्च स्तरीय जांच के दिए गए आदेश
रेल मंत्रालय ने मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपए और मामूली रूप से घायलों को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही CRS जांच के अलावा उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।