गोंडा

अटल बिहारी बाजपेई का एक बयान पड़ गया था उन्हें भारी, हार गए थे जीता हुआ चुनाव

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का बलरामपुर जनपद से गहरा नाता रहा है। वर्ष 1957 के चुनाव में जनसंघ के टिकट पर यहां से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे।

गोंडाDec 25, 2022 / 07:58 am

Mahendra Tiwari

अटल

25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी वर्ष 1957 में जनसंघ के टिकट पर बलरामपुर संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बने थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बलरामपुर जिले से 1957 में की थी।
1957 में उन्होंने प्रदेश के 3 स्थानों से लोकसभा चुनाव लड़ा था। जिनमें लोकसभा क्षेत्र बलरामपुर, मथुरा और लखनऊ शामिल था। बलरामपुर की जनता ने उन्हें 1957 में पहली बार ही जिताकर लोकसभा में भेजा था। जिसके लिए वह बलरामपुर वासियों का हमेशा आभार व्यक्त करते रहे।
जुबान फिसली तो 62 का जीता चुनाव हार गए अटल

वर्ष 1962 के चुनाव में अटल बिहारी वाजपेई के सामने कांग्रेस ने सुभद्रा जोशी को चुनाव मैदान में उतारा था। वह अपने चुनाव प्रचार में हमेशा यह कहा करती थी कि चुनाव जीतने के बाद वर्ष के 365 दिन 24 घंटे जनता की सेवा के लिए मौजूद रहेंगी।
उनकी इस बातों पर चुटकी लेते हुए अटल जी ने एक जनसभा में कहा था। महिलाएं महीने में चार-पांच दिन सेवा करने के लायक नहीं रहती हैं। ऐसे में वह 365 दिन सेवा कैसे करेंगी। इस बात का सुभद्रा जोशी ने खूब प्रचार किया। उन्होंने कहा था कि अटल जी ने जिस तरह से मेरी बेइज्जती किया है। उसका बदला जनता लेगी। वैसा ही हुआ। अटल जी 1962 के चुनाव में सुभद्रा जोशी से हार गए।
अटल बिहारी बाजपेई IMAGE CREDIT: Patrika original
चुनाव हारने के बाद भी बलरामपुर से बना रहा अटल का प्रेम

अटल बिहारी बाजपेई 1962 का चुनाव हार गए। उन्होंने बलरामपुर से अपना नाता कायम रखा। प्रचार प्रसार से लेकर सभी कार्यक्रमों में बराबर भाग लेते रहे। जिसका असर यह रहा कि 1967 के लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेई को बलरामपुर से दूसरी बार सांसद चुना गया।
PM बनने के बाद बलरामपुर वासियों को मिली बड़ी लाइन की सौगात

अटल जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गोंडा से बलरामपुर होते हुए गोरखपुर तक जाने वाली रेलवे की लूप लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने का निर्णय लिया था। उन्होंने आदेश भी पारित कर दिया। भाजपा की सरकार जाने के बाद इस कार्य में शिथिलता आ गई थी। जिसे वर्ष 2014 में पुनः भाजपा की सरकार बनने के बाद पूरा कराया गया।
अटल की याद में चल रही सुशासन एक्सप्रेस

रेल मंत्रालय ने अटल की याद में वर्ष 2014 में भाजपा सरकार बनने के बाद गोंडा से सुशासन एक्सप्रेस चलाई थी। 25 नवंबर वर्ष 2020 में बलरामपुर लाइन ब्रॉडगेज में परिवर्तित होने के बाद ट्रेन बलरामपुर से चलने लगी। अब यह ट्रेन अटल की राजनैतिक कर्मभूमि बलरामपुर से जन्मभूमि ग्वालियर तक चलती है।
घोड़ी पर सवार होकर जनसभा करने पहुंचे अटल

अटल बिहारी वाजपेई का चुनाव प्रचार का अपना अलग अंदाज था। वर्ष 1957 के चुनाव का दौर था। उस समय गोंडा बलरामपुर लोकसभा सीट एक थी। वर्तमान समय में गोंडा जिले की विधानसभा गौरा के गांव चौखड़ा में अटल जी चुनाव प्रचार करने के बाद रात्रि में रुके थे। उस समय रात्रि में मूसलाधार बारिश होने के कारण कच्ची सड़कों पर जलभराव हो गया। जीप चालक ने जब जनसभा स्थल तक पहुंचने में असमर्थता जताई। अटल जी ने अपने एक परिचित के यहां से घोड़ी मंगाई। उस पर सवार होकर जनसभा स्थल पहुंच गए।
अटल वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा

भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा अटल जी के जन्म जयंती के अवसर पर आगामी 27 दिसंबर 2022 को अटल डिबेटिंग क्लब का शुभारंभ एवं अटल वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
भाजयुमो के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनुराग त्रिपाठी ने बताया अटल वाद विवाद प्रतियोगिता का कार्यक्रम एक दिवसीय होगा। जिसमें 18 से 35 वर्ष का कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है। जिला स्तर पर चयनित तीन सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागियों को प्रदेश स्तर पर वाद विवाद प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने का अवसर मिलेगा । प्रतियोगिता के
प्रदेश स्तर पर चयनित 3 प्रतिभागियों को प्रदेश स्तर पर ही सम्मानित किया जाएगा। युवा मोर्चा द्वारा आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम युवाओं में प्रतिभा की खोज करेगा। इस कार्यक्रम के विषय को विस्तृत रूप से बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित हो रहा हैं।

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