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गाजीपुर

Mukhtar Ansari: मैं हूं मुख्तार अंसारी, किसी के लिए माफिया तो किसी के लिए रॉबिन हुड, जानिए मेरी हिस्ट्री

Mukhtar Ansari: भाजपा विधायक कृष्‍णांनद राय की गाड़ी पर करीब 500 से ज्यादा राउंड गोलियां चलाई गई थी। गोलियां चलाते समय अपराधी बीच-बीच में कह रहे थे कि इसने हमारे भइया को बहुत परेशान किया है।

गाजीपुरApr 29, 2023 / 08:25 pm

Adarsh Shivam

मुख्‍तार अंसारी

साल था 2005 BJP नेता भाजपा विधायक कृष्‍णांनद राय अपने काफिले के साथ किसी कार्यक्रम से लौट रहे थे। उसी वक्त बीच रास्ते में उनकी गाड़ी को रोक दी जाती है। उनकी गाड़ी जहां रोकी गई वहां से न तो वो दाएं जा सकते थे न बाएं जा सकते थे और ना ही वो आगे या पीछे जा सकते थे।
कृष्‍णांनद राय की गाड़ी पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार होती है
इतने में सामने से एक SUV से हथियारों के साथ 8 से 10 लोग उतरते हैं और सीधा कृष्‍णांनद राय की गाड़ी पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर देते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि कोई देशी कट्टा या छोटे-मोटे हथियारों से गोली की बौछार की गई होगी तो ऐसा बिलकुल नहीं है।
लगभग 30 मिनट तक अंधाधुन गोलियां चलाई गई
आपको बता दें कि उस SUV से जितने भी लोग उतरे थे, सभी के हाथों में AK-47 बंदूक था। गोलियों की बौछार से पूरा इलाका दहल उठा था। लगभग 30 मिनट तक अंधाधुन गोलियां चलाई गई थी। एक सेकंड के लिए भी गोलियां चलना बंद नहीं हुआ था।
हमारे भइया को बहुत परेशान किया है कृष्‍णांनद राय
भाजपा विधायक कृष्‍णांनद राय की गाड़ी पर करीब 500 से ज्यादा राउंड गोलियां चलाई गई थी। गोलियां चलाते समय अपराधी बीच-बीच में कह रहे थे कि इसने हमारे भइया को बहुत परेशान किया है। इसे जिन्दा नहीं छोड़ना है। उस समय गाड़ी में बैठे कृष्‍णांनद राय के साथ 6 लोग भी मारे गए थे।
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जब इन सातों लोगों का पोस्टपार्टम हुआ था तो इनके शरीर से कुल 67 गोलियां निकाली गई थी। गोली चलाने वाले अपराधी जिस भइया की बात कर रहे थे वो कोई और नहीं बल्कि माफिया मुख्‍तार अंसारी था। आइए जानते हैं मुख्‍तार अंसारी के बारे में, मुख्‍तार मऊ से 5 बार विधायक रहे थे।
कोई भी फैसला ऑन द स्पॉट करता था मुख्‍तार
कितनो के लिए मुख्‍तार अंसारी हत्यारा, गुंडा, फिरौती लेने वाले था तो वहीं कितनो के नजर में मुख्‍तार रॉबिन हुड था। खुली जीप में हाथों में बंदूक लिए चलने वाला, कोई फैसला ऑन द स्पॉट लेने वाला माफिया मुख्‍तार को आज यानी 29 अप्रैल को 10 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
मुख्‍तार अंसारी का चलता था सिक्का
मुख्‍तार अंसारी पर कुल 52 FIR दर्ज हैं। जिसमें 15 मामले अभी भी कोर्ट में चल रहे हैं। बता दें, मऊ विधानसभा में मुख्‍तार अंसारी का हुकुम का सिक्का चलता था। साल 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में मुख्‍तार ने यहां से जीत हासिल की। जिसमे 3 बार वो जेल में रहकर जीत दर्ज की थी।
कॉलेज से ही बर्चस्व की लड़ाई शुरूकर दी थी मुख्‍तार
समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, अपना दल जैसे कई पार्टियों का चक्कर लगाने के बाद मुख्‍तार ने अपनी पार्टी का गठन किया। जिसे पूर्वांचल की जानकारी है उनका कहना है कि आज भी राजनीति में मुख्‍तार के खानदान का बर्चस्व कायम है। जब मुख्‍तार अंसारी कॉलेज में पढाई कर रहे थे, तब ही से बर्चस्व की लड़ाई शुरू कर दी थी।
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साल 1980 की बात है जब केंद्र सरकार पूर्वांचल को विकास का मुख्य केंद्र बिंदु बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही थी। इसी दौरान बड़े-बड़े फंड आ रहे थे। बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां आ रही थी। रेलवे और हाईवे के कॉन्ट्रैक्ट आ रहे थे। इसी तरह के कई बड़े प्रोजेक्ट आ रहे थे। जो भी इसमें बाजी मार लेता पूर्वांचल की कुंजी उसी के हाथ में होता। लेकिन इसमें से अधिकांश कॉन्ट्रैक्ट भाजपा विधायक कृष्‍णांनद राय के हाथों में थी।
बृजेश सिंह की वजह से मुख्‍तार माफिया बना था
इसी समय से और नाम था बृजेश सिंह, कहा जाता है कि इसी बृजेश सिंह की वजह से मुख्‍तार अंसारी माफिया मुख्‍तार अंसारी बना था। शुरूआती दौर में इन दोनों में कोई क्लेश नहीं था। लेकिन एक जमीन विवाद को लेकर दोनों में गोलीबारी हो गई। जिसके बाद हर दूसरे-तीसरे दिनों में एक दूसरे से गैंगवार शुरू हो गया।
दोनों तरफ से लोग मारे जाने लगे। भाजपा विधायक कृष्‍णांनद राय की हत्या के पीछे मुख्‍तार अंसारी और उसके भाई अफजाल अंसारी का सीधा हाथ था। कहा जाता है कि इन्हीं दोनों के इशारों पर मुन्ना बजरंगी ने प्लान बनाया था और भाजपा विधायक कृष्‍णांनद राय की हत्या कर दी थी।

कृष्‍णांनद की जीत से मुख्‍तार का ईगो बहुत हर्ट हुआ था
यह हत्या सिर्फ इसलिए की गई थी कि मुख्‍तार अंसारी के बर्चस्व वाले इलाके में कृष्‍णांनद राय ने विधायकी का चुनाव जीत लिया था। इस चुनाव की जीत से मुख्‍तार का ईगो बहुत हर्ट हुआ था। इसलिए उसने हत्या का प्लान बनाया और कृष्‍णांनद राय जब तक अपनी विधायकी का कार्यकाल पूरा करते उससे पहले उन्हें गोलियों से भून दिया गया। उस वक्त मुख्‍तार का ऐसा खौफ था कि किसी थाने में FIR दर्ज नहीं हो रहा था।
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जब FIR हुआ भी तो वहां के पुलिस अधिकारी कोई सबूत नहीं जुटा पा रहे थे। भाजपा विधायक कृष्‍णांनद राय की पत्नी अल्का राय चाहती थी कि इस हत्या की तहकीकात CBI करे, लेकिन मुख्‍तार की वजह से CBI इस केस की कोई तहकीकात नहीं की।
शशिकांत राय ने मुख्‍तार के शूटर मुन्ना बजरंगी को पहचान लिया था
फिर साल 2006 आता है जब इस केस के इकलौते गवाह शशिकांत राय की रहस्यमयी तरीके से मौत हो जाती है। कहा जाता है कि शशिकांत राय ने मुख्‍तार के शूटर मुन्ना बजरंगी को पहचान लिया था। अगर शशिकांत कोर्ट में पहुंच जाते तो हालात कुछ और होता।
जेल के अंदर मुन्ना बजरंगी को गोली मारकर हत्या कर दी
इसके बाद साल 2018 में गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की 9 जुलाई को बागपत जेल के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी जाती है। जिसका आरोप पूर्वांचल के बाहुबली धनंजय सिंह पर लगा था। बताया जा रहा है कि मुन्ना बजरंगी जौनपुर से चुनाव लड़ने वाले था, इसलिए उसकी हत्या करा दी गई।
हालांकि, 7 साल में जिस तरह से सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्‍तार और उसके गुर्गे पर जमींदोज किया है। उसके बाद से माफिया मुख्‍तार अंसारी का खौफ काम हो गया है। अभी तक योगी सरकार मुख्‍तार अंसारी और उसके गुर्गे पर 200 से अधिक के संपत्ति को जमींदोज कर चुकी है।

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