पिता के साथ चुनावी रणनीति बना रहीं है नुसरत
सांसद अफजाल अंसारी को 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से गैंगेस्टर मामले में 4 साल की सजा हुई थी और उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गयी थी। सजा के खिलाफ अफजाल अंसारी ने इलाहाबाद हाइकोर्ट में अपील किया जहां से उनको जमानत तो मिली पर सजा से राहत नहीं मिली। इसके बाद अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी संसद सदस्यता बहाल कर दी और उनको चुनाव लड़ने के योग्य करार दिया साथ ही इलाहाबाद हाइकोर्ट को 30 जून 2024 तक मामले का निस्तारण का आदेश दिया।हाईकोर्ट के फैसले को देखते हुए नुसरत ने बड़ाया कदम
हाइकोर्ट में 2 मई को इस मामले में सुनवाई होनी है और गाजीपुर में 7 मई से नामांकन शुरू होना है। यदि इस बीच अफजाल अंसारी की सजा हाइकोर्ट से बहाल हो जाती है तो अफजाल चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। यदि सुनवाई टलती है और अफजाल चुनाव लड़ते हैं तब भी उनके ऊपर सजा की तलवार लटकती रहेगी।यही वजह है कि कयास लगाया जा रहा है कि अफजाल चुनाव में अपनी बेटी को उतार सकते हैं और उनकी बेटी का सपा कार्यालय पर आना और चुनाव प्रचार में शामिल होना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। अफजाल अंसारी इस मामले पर फिलहाल कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं पर नुसरत का सामने आना बहुत कुछ बयां कर रहा है।