बता दें कि गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत एवं महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। यति नरसिंहानंद सरस्वती और धर्म परिवर्तन कर हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी पर हेट स्पीच का आरोप लगा था। जिसके बाद उन पर केस दर्ज हुआ। दोनों ही हरिद्वार में सर्वानंद घाट पर मौजूद थे। वहीं से दोनों को उत्तराखंड पुलिस ने 17 जनवरी को गिरफ्तार किया था और उन्हें देहरादून की जेल में रखा गया।
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यति नरसिंहानंद फाउंडेशन और उनके तमाम समर्थकों ने इस बात का कड़ा विरोध किया है। समर्थकों का कहना है कि बहुत मामूली धाराओं में दोनों पर केस दर्ज हुआ था। उसके बावजूद भी उन्हें जेल में रखा गया। इतना ही नहीं उन्हें जमानत भी नहीं मिल पाई। दोबारा से फिर जमानत याचिका दाखिल की गई और 15 फरवरी को यति नरसिंहानंद सरस्वती को जमानत मिल गई, लेकिन जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी कि अभी भी जमानत नहीं हो पाई है।
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जैसे ही यति नरसिंहानंद सरस्वती जेल से बाहर आए तो उनके समर्थक बाहर मौजूद थे। सभी समर्थकों ने उनका माला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि भले ही वह रिहा हो गए हैं, लेकिन उनके भाई जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी जब तक रिहा नहीं होंगे, तब तक वह उसी सर्वानंद घाट पर अनशन पर बैठेंगे और अपने आप को भी उसी वक्त रिहा मानेंगे।