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गढ़ गंगा मेले को बड़ा तोहफा देने के बाद सीएम योगी ने विरोधियों के लिए कही चौंकाने वाली बात बता दें कि गाजियाबाद के महिला सरकारी जिला अस्पताल के गेट के बाहर कीचड़ में ही महिला की डिलीवरी होने का मामला सामने आया है। आरोप है कि अस्पताल द्वारा महिला के जरूरी टेस्ट देरी से करवाए गए और मुख्य टेस्ट के लिए महिला को अस्पताल से बाहर भेजा गया। जब एक जरूरी टेस्ट करवा के महिला को वापस लाया जा रहा था। तो अस्पताल के गेट से पहले ही महिला ने बच्चे को जमीन पर ही जन्म दे दिया। गनीमत रही कि बच्चा और मां दोनों सकुशल हैं। इस मामले में महिला के परिजनों ने अस्पताल की लापरवाही बताई है। यह भी पढ़ेें : योगी की पुलिस ने 60 घंटे के ‘आॅपरेशन क्लीन’ में इतने बदमाशों को गोली मारी, देखिए वीडियाे महिला की सास का कहना है कि जैसे ही उनकी बहु अस्पताल के गेट पर पहुंची तो उसे दर्द होने लगा। जिसके बाद उन्होंने कई बार डॉक्टरों को बुलवाने का प्रयास किया लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। कुछ देर बाद एक सफाई कर्मी की मदद से उन्होंने अपनी बहू और बच्चे को अस्पताल में लेकर गई। वहीं महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर 11 रुपये मांगने का भी आरोप लगाया है।
उधर, महिला चिकित्सालय की सीएमएस दीपा त्यागी का कहना है कि जिस महिला ने बच्चे को जन्म दिया है इसका यह दूसरा बच्चा था। इसके पहले बच्चे की भी नॉर्मल डिलीवरी हुई थी और इस बार इस महिला को एक दिन पहले एडमिट किया गया था। लगातार उसे दर्द बढ़ाए जाने के इंजेक्शन भी दिए जा रहे थे। लेकिन जांच के बाद पता लगा कि महिला के पेट में पानी की थैली फट गई है और अब महिला की डिलीवरी ऑपरेशन के द्वारा ही कराई जाएगी। जिसके लिए कई मेडिकल परीक्षण की आवश्यकता होती है। उसमें टीएसएच की जांच होनी भी आवश्यक होती है। जिसके लिए खून जांच का अलग विभाग है।
यह भी पढ़ें : भारत में बंद हुई ये प्रसिद्ध मोबाइल कंपनी, अब वारंटी में भी नहीं बदल सकेंगे फोन! उन्होंने बताया कि वहां पर टेस्ट कराने के लिए मरीज को खुद ही जाना पड़ता है क्योंकि उसी विभाग के चिकित्सक द्वारा मरीज का खून एकत्र किया जाता है और उसकी जांच के बाद भी रिपोर्ट पर उसी विभाग के चिकित्सक द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं। वही मान्य होते हैं और टीएसएस कराने के लिए ही महिला को सुबह भेजा गया था। वहां पर कुछ ज्यादा भीड़ होने के कारण थोड़ा समय लग गया और जैसे ही वह महिला वापस लौट रही थी तो अचानक ही उसे दर्द हुआ और बीच में ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया। महिला को तुरंत और बच्चे को लेबर रूम लाकर उसका विधिवत इलाज किया गया है।