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प्रदेश के 43 जिलों गरीबों के हिस्से का अनाज खा गये जालसाज
खाद्य आयुक्त की जांच के बाद जो प्रदेश में खुलासा हुआ है। उसे जानकार सब सन्न है। इतना ही नहीं इस अनाज घोटाले में यूपी के एक या दो जिले ही नहीं बल्कि पूरे 43 जिलों में आधार कार्डों में गड़बड़ी कर उनके हिस्से का अनाज खाने की बात सामने आर्इ है।इनमें सबसे ज्यादा इलाहाबाद से लेकर गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर शामिल है।अधिकारियों की माने तो यह घोटाला ज्यादातर शहरी क्षेत्रों में किया गया है।
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एेसे किया गया है अनाज घोटाला
अधिकारियों की माने तो जांच से पता चला है कि अलग अलग जिलों के कोटेदारों ने तकनीकी ऑपरेटरों से मिलकर सही गरीब लाभार्थियों के डाटा बेस में दर्ज उनके आधार संख्या को एडिट कर किसी अन्य व्यक्ति की आधार संख्या को दर्ज कर दिया।फिर दूसरे शख्स की उंगलियों के निशानों का इस्तेमाल कर स्टाॅक अनाज निकाल लिया गया।अनाज निकालने के बाद फिर से लाभार्थी के आधार को लाभार्थी के आधार संख्या को फिर उसके डाटाबेस में अपडेट कर दिया गया।इस तरह वास्तविक लाभार्थी को सस्ते अनाज की सुविधा से वंचित कर अपराध किया गया।इस पर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) से जांच कराई गई।सिर्फ जुलाई महीने के डाटा की जांच में यह पता चला है कि ई-पास मशीनों से अनाज वितरण वाले इलाकों में आधार कार्डों के नंबरों में हेराफेरी कर यह अनाज घोटाला किया गया है।
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वेस्ट यूपी के इन जिलों में हुआ बड़ा घोटाला
इसी तरह मेरठ में 108 कार्डों का 27324, मुजफ्फरनगर में 64 कार्डों का 19,795, गाजियाबाद में 69 कार्डों का 16,568, गौतमबुद्धनगर में 36 कार्डों का 16058, बिजनौर में 37 कार्डों का 8837, मुरादाबाद में 83 कार्डों का 6718, सहारनपुर में 7 कार्डों का 3700, अमरोहा में 32 कार्डों का 2527, बागपत 13 कार्डों का 1024, शामली में 9 कार्डों का 463, बुलंदशहर में 7 कार्डों का 360, हापुड़ में 2 कार्डों का 186, रामपुर में 2 कार्डों का 93।