मुआवजा ना मिलने से नाराज लाेगाें ने मंगलवार को मोदीनगर तहसील पहुंचकर आत्मदाह करने की काेशिश की लेकिन इससे पहले ही वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन लोगों के हाथ में मिट्टी के तेल की कैन को छीन लिया और उन्हें समझाने का प्रयास किया वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने भी उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा राशि का भुगतान करने का भरोसा दिया।
गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके के गांव बखरवा में कुछ दिन पहले एक अवैध रूप से चलाई जा रही मोमबत्ती बनाने की फैक्ट्री में भीषण आग लगी थी। इस दौरान कई लोगों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई थी जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आनन-फानन में प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और इसकी गूंज लखनऊ तक जा पहुंची थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक के आश्रितों के परिजनाें काे चार-चार लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 -50 हजार रुपए दिए जाने की घोषणा की थी और इस पूरे मामले की गहनता से जांच के बाद कार्रवाई के भी आदेश दिए गए थे।
इस दौरान घायल हुए लोगों को अभी कोई मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है। लोगों का आरोप है कि वह लगातार तहसील के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है। उन्हें केवल वादा ही किया जा रहा है। इसलिए मजबूरी हाेकर उन्हे अब यह कदम उठाना पड़ा। इन लाेगाें ने पूर्व में ही आत्मदाह की चेतावनी दी थी। वह अपने साथ मिट्टी का तेल भी लेकर पहुंचे थे लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने इसे ध्यान में रखते हुए यहां भारी पुलिस बल तैनात किया और तहसील में घुसते ही गेट पर तैनात पुलिस कर्मियों के मिट्टी का तेल छीन लिया। पीड़ितों के अनुसार अब उन्हे मुआवजा दिए जाने की आश्वासन मिला है।
मोदीनगर के तहसीलदार उमाकांत तिवारी ने बताया कि बखारवा गांव में हुए अग्निकांड के बाद जो शासन ने घायलों को 50 हजार और मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की गई थी। इसके लिए कागजी कार्रवाई की जा रही है उन्होंने बताया कि तहसील पर पहुंचे सभी पीड़ित लोगों को समझाया गया है और जल्द ही इन सभी लोगों को मुआवजा राशि दे दी जाएगी।