पूरा मामला गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र के शालीमार गार्डन का है। यहां बीती 6 तारीख को 22 वर्षीय एक युवती को मार्केट जाते समय कार सवार तीन बदमाशों ने अगवा कर लियाय़ यह घटना दोपहर 12:30 बजे की है। उस जिस वक्त युवती को अगवा किया गया था, उस व्कत उसकी छोटी बहन भी साथ में थी। इसके बाद छोटी बहन ने इस पूरी घटना की जानकारी घर पर दी। इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को 100 नंबर पर फोन कर दी गई, इसके बाद पुलिस ने घटनाक्रम को छुपाने के लिए परिवार के सामने ही तहरीर लिख डाली, लेकिन इसमें कहीं भी गैंगरेप का जिक्र ही नहीं किया गया।
गौरतलब है कि बीती 6 तारीख को रात 10:00 बजे लड़की एक पार्क में बदहवास हालत में पड़ी हुई मिली। युवती के मिलने के बाद पुलिस ने लड़की को परिवार वालों को सुपुर्द कर दिया, लेकिन पुलिस ने इस पूरे मामले में लड़की का मेडिकल कराने की जहमत नहीं उठाई। परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस में न तो मेडिकल कराया और न ही गैंगरेप की धाराओं में FIR दर्ज की और तो और पीड़ित परिवार अब इंसाफ के लिए थाने और पुलिस कप्तान ऑफिस के चक्कर लगाने के लिए मजबूर है। पीड़ित लड़की से जब इस बारे में पूछा गया तो उसका कहना था कि सफेद कार सवार लड़कों ने उसे गाड़ी के अंदर खींच लिया, जिसके बाद उसे नशीला पदार्थ पिलाया गया। उसके साथ बारी-बारी से रेप किया गया फिर उसे एक पार्क में फेंक कर बदमाश फरार हो गए। पीड़ित लड़की का आरोप है कि पुलिस पूरे मामले में लीपापोती कर रही है, क्योंकि लड़की द्वारा एक आदमी की पहचान भी कर ली गई है। बावजूद इसके पुलिस ने अब तक किसी भी आरोपी कोे गिरफ्तारी नहीं किया है। लड़की ने अपने शरीर के निशान भी कैमरे के सामने दिखाएं, जिनको देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह से लड़की के साथ वहशी दरिंदों ने जानवरों की तरह रेप किया, लेकिन गाजियाबाद पुलिस इसके बाद भी कार्रवाई करने को तैयार ही नहीं है।
जब इस पूरे मामले में गाजियाबाद एसएसपी वैभव कृष्ण से बात की तो उनका बड़ा ही पेचीदा बयान सामने आया। एसएसपी ने कहा कि पूरे मामले में FIR दर्ज कर ली गई है। कार्रवाई की जा रही है। शायद SSP भूल गए कि गैंगरेप के मामले में जो धाराएं FIR में दर्ज की गई है। वह धाराएं नहीं लगती है, लेकिन एसएसपी ने कार्रवाई का झांसा जरूर दे दिया। अब देखना दिलचस्प होगा कि जिस तरह से लड़की के साथ दरिंदगी की गई और उसके बाद लड़की और उसका पूरा परिवार इंसाफ के लिए कभी थाने तो कभी SSP ऑफिस भटकने के लिए मजबूर है तो ऐसे में क्या वाकई गाजियाबाद पुलिस लड़की के साथ इंसाफ करेगी, या फिर यह केस भी गाजियाबाद पुलिस की फाइलों में दब कर रह जायेगा।