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इस डोर बेल के सामने 5 सेकंड के लिए हाथ ले जाने पर 10 सेकेंड तक डोरबेल बजने लगती है। बड़ी बात यह है कि इस डोरबेल को बनाने में मात्र 200 से 260 रुपये का खर्च आया है। इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बीटेक के फाइनल ईयर के छात्र पवन कुमार ने बताया कि वह और उसका दोस्त एक दिन अपने अन्य दोस्त के घर गए थे। उसके आस पास भी कोई कोविड-19 मरीज पाया गया था। इसके चलते उन्होंने अपने दोस्त के घर की डोर बेल नहीं बजाई। क्योंकि डोरबेल अक्सर कई लोग छू लेते हैं और हर बार सैनिटाइज नहीं कर पाते। इसलिए उन्होंने डोरबेल को नहीं छुआ और तभी से उनके मन में आया कि क्यों ना एक ऐसी डोरबेल तैयार की जाए जोकि लोगों को बार-बार हाथ ना लगाना पड़े। यह भी पढ़ें