गाज़ियाबाद

भाजपा के गढ़ में गिरा मतदान का आंकड़ा, ठाकुरों की नाराजगी का सपा-बसपा को मिलेगा फायदा?

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का मतदान हो चुका है। इसमें गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर इस बार मतदान प्रतिशत गिरा है। यह दोनों सीटें बीजेपी का गढ़ मानी जाती हैं। ऐसे में यहां इस बार मतदान प्रतिशत कम होने पर बसपा ने जीत का दावा ठोक दिया है।

गाज़ियाबादApr 27, 2024 / 03:44 pm

Vishnu Bajpai

UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के तहत शुक्रवार को गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में मतदान संपन्न हो चुका है। इस दौरान यहां मतदान प्रतिशत काफी कम दर्ज किया गया। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद लोकसभा सीट पर 49.65 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई है। जबकि गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर 53.21 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है। पिछली बार यानी साल 2019 के लोकसभा चुनाव में गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर 60.47 प्रतिशत और साल 2014 में 60.38 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि गाजियाबाद में ये आंकड़ा साल 2019 में 55.86% और 2014 में 56.94% था। ऐसे में इस बार दोनों ही लोकसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत गिरा है।

क्या भाजपा से नाराज हैं गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के मतदाता?

गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर मतदान प्रतिशत कम होने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। अलग-अलग पार्टी के नेताओं का कहना है कि गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर कम वोटिंग का असर बीजेपी उम्मीदवार महेश शर्मा पर पड़ सकता है, क्योंकि शहरी क्षेत्रों में उनका दबदबा ज्यादा है।
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राजनीतिक विश्लेषक अतुल ठाकुर की मानें तो लोकसभा चुनाव 2024 में कम मतदान के दो कारण हैं। इसमें से पहला कारण भाजपा के टिकट वितरण को लेकर राजपूत समुदाय का गुस्सा है। जबकि दूसरा कारण शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे से संबंधित कई मुद्दे हैं। जो पिछले दस सालों से अनसुलझे हैं। दूसरी ओर गाजियाबाद में भी कमोबेश यही हाल है।

गाजियाबाद में 14 और गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर 15 प्रत्याशियों ने ठोकी ताल

लोकसभा चुनाव 2024 के तहत गाजियाबाद में 14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इसमें भाजपा से गाजियाबाद के विधायक अतुल गर्ग, कांग्रेस से डॉली शर्मा और बसपा से नंद किशोर पुंढीर शामिल हैं। जबकि गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर 15 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी से मौजूदा सांसद डॉ. महेश शर्मा, समाजवादी पार्टी (सपा) से डॉ. महेंद्र नागर और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से राजेंद्र सोलंकी शामिल हैं।
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इस बार दोनों सीटों पर मतदान प्रतिशत गिरने की बड़ी वजह शहरी मतदाता बताए जा रहे हैं। यानी शहरी मतदाताओं ने इन दोनों सीटों पर अपेक्षा से कम मतदान किया है। यही कारण है कि यहां पिछले दो चुनावों की अपेक्षा इस बार कम मतदान हुआ है।

सपा-बसपा के नेता ठोक रहे जीत का दावा

गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर मतदान प्रतिशत गिरने से सपा और बसपा उत्साहित है। बीएसपी और एसपी नेताओं का यही मानना है कि कम वोटिंग का मतलब यही है कि लोग राज्य और केंद्र में बीजेपी सरकार के खिलाफ हैं। बसपा के मेरठ मंडल के को-आर्डिनेटर लखमी सिंह कहते हैं “भाजपा को पहले चुनावों में दादरी और नोएडा से सबसे अधिक वोट मिले थे। अगर इस बार मतदान कम है तो इसका मतलब है कि उन भाजपा समर्थकों को अब शासन पर भरोसा नहीं है। जेवर, खुर्जा और सिकंदराबाद के ग्रामीण इलाकों में लोगों ने उत्साह के साथ मतदान किया है। जिससे संकेत मिलता है कि हम यह सीट भारी अंतर से जीत रहे हैं।”

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