कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) करीब 400 के आसपास
ऐसा वातावरण जटिलताओं को ट्रिगर करने वाला हो सकता है। रविवार को एनसीआर के जिलों मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) करीब 400 के आसपास दर्ज किया गया। गाजियाबाद से सटे दिल्ली में तो कई स्थानों पर AQI 500 के पार बना हुआ है।
ऐसा वातावरण जटिलताओं को ट्रिगर करने वाला हो सकता है। रविवार को एनसीआर के जिलों मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) करीब 400 के आसपास दर्ज किया गया। गाजियाबाद से सटे दिल्ली में तो कई स्थानों पर AQI 500 के पार बना हुआ है।
सेहत पर वायु प्रदूषण का नकारात्मक असर
स्वास्थ्य विशेषज्ञ की माने तो दीपावली के पहले से जिस तरह से हवा दमघोंटू होती जा रही है, ये गंभीर चिंताजनक हालात हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी की सेहत पर वायु प्रदूषण का नकारात्मक असर हो रहा है। प्रदूषण के कारण बढ़ती चिंताओं को देखते हुए अब पाबंदियां लागू की जा रही हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ की माने तो दीपावली के पहले से जिस तरह से हवा दमघोंटू होती जा रही है, ये गंभीर चिंताजनक हालात हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी की सेहत पर वायु प्रदूषण का नकारात्मक असर हो रहा है। प्रदूषण के कारण बढ़ती चिंताओं को देखते हुए अब पाबंदियां लागू की जा रही हैं।
आने वाले 15-20 दिन काफी चुनौतीपूर्ण
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो आने वाले 15-20 दिन काफी चुनौतीपूर्ण हैं। ऐसे में सभी को सावधान रहने की जरूरत है। दुष्प्रभावों को देखते हुए एनसीआर के जिलों में मिनी-लॉकडाउन जैसे हालात बन गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से इसके दुष्प्रभावों को देखते हुए दिल्ली के प्राथमिक विद्यालयों में 10 नवंबर तक का अवकाश घोषित किया गया है। विशेषज्ञ कहते हैं, मौसम में वायु प्रदूषण की बिगड़ी स्थिति को देखते हुए सभी लोगों को एहतियातन मिनी-लॉकडाउन का पालन करते रहने की जरूरत है।
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो आने वाले 15-20 दिन काफी चुनौतीपूर्ण हैं। ऐसे में सभी को सावधान रहने की जरूरत है। दुष्प्रभावों को देखते हुए एनसीआर के जिलों में मिनी-लॉकडाउन जैसे हालात बन गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से इसके दुष्प्रभावों को देखते हुए दिल्ली के प्राथमिक विद्यालयों में 10 नवंबर तक का अवकाश घोषित किया गया है। विशेषज्ञ कहते हैं, मौसम में वायु प्रदूषण की बिगड़ी स्थिति को देखते हुए सभी लोगों को एहतियातन मिनी-लॉकडाउन का पालन करते रहने की जरूरत है।
प्रदूषित हवा को घर में प्रवेश से रोकने के लिए दरवाजे-खिड़की बंद रखें
नोएडा स्थित के श्वसन रोगों के विशेषज्ञ डॉ. एनआर वर्मा कहते हैं, प्रदूषण सभी के लिए हानिकारक है। भले पहले से कोई समस्या नहीं है लेकिन फिर भी सावधानी बरतते रहना चाहिए। वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से श्वसन समस्या वाले नए रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। खुद से ‘मिनी-लॉकडाउन’ का पालन करते रहना जरूरी है।
नोएडा स्थित के श्वसन रोगों के विशेषज्ञ डॉ. एनआर वर्मा कहते हैं, प्रदूषण सभी के लिए हानिकारक है। भले पहले से कोई समस्या नहीं है लेकिन फिर भी सावधानी बरतते रहना चाहिए। वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से श्वसन समस्या वाले नए रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। खुद से ‘मिनी-लॉकडाउन’ का पालन करते रहना जरूरी है।
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इसके लिए घरों के भीतर रहें, प्रदूषित हवा को घर में प्रवेश से रोकने के लिए दरवाजे-खिड़की बंद रखें। बाहर जाने की जरूरत है तो मास्क जरूर पहनें। जिससे प्रदूषित हवा के शरीर में प्रवेश को रोका जा सके।
भ्रूण से लेकर बच्चों तक हानिकारक है प्रदूषण
डॉ. वर्मा कहते हैं, सभी आयुवर्ग में वायु प्रदूषण से प्रतिकूल प्रभाव देखे जा रहे हैं। बढ़ता प्रदूषण अजन्मे बच्चे की सेहत को प्रभावित कर सकता है। जब गर्भवती की सांस के माध्यम से विषाक्त पदार्थ फेफड़ों में जाते हैं, तो रक्त के माध्यम से यह प्लेसेंटा और भ्रूण तक पहुंचते हैं। बच्चों के विकास को प्रभावित करने के साथ ये उनमें कई प्रकार की जन्मजात स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने वाली दिक्कत भी हो सकती है।
डॉ. वर्मा कहते हैं, सभी आयुवर्ग में वायु प्रदूषण से प्रतिकूल प्रभाव देखे जा रहे हैं। बढ़ता प्रदूषण अजन्मे बच्चे की सेहत को प्रभावित कर सकता है। जब गर्भवती की सांस के माध्यम से विषाक्त पदार्थ फेफड़ों में जाते हैं, तो रक्त के माध्यम से यह प्लेसेंटा और भ्रूण तक पहुंचते हैं। बच्चों के विकास को प्रभावित करने के साथ ये उनमें कई प्रकार की जन्मजात स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने वाली दिक्कत भी हो सकती है।