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गाजियाबाद की डासना जेल में बंद कैदियों की क्षमता महज 1705 बंदियों की है। जबकि मौजूदा हालात में गाजियाबाद की डासना जेल में कुल 4481 बंदी मौजूद है। यानि की क्षमता से 2 गुने से भी अधिक कैदी जेल में बंद है। इनकी सुरक्षा के लिए भी पर्याप्त संख्या में पुलिसबल मौजूद नहीं है। 9 जुलाई को बागपत की जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद प्रदेश की सभी जिलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं गाजियाबाद की डासना जेल में भी सुरक्षा समीक्षा की गई। सुरक्षाकर्मी भी बढ़ाए जाने पर भी विचार किया गया है। जेल में 20 ऐसे हाई प्रोफाइल बंदी बंद है। जो दूसरी जेलों से भी शिफ्ट किए गए हैं। इन सभी कैदियों से मिलने आने वालों पर अब पैनी नजर रखी जाएगी। साथ ही इन्हें कोर्ट में पेश किए जाने के दौरान भी इनकी सुरक्षा बढ़ाई जाने पर विचार किया गया है। हालांकि दोगुने से भी ज्यादा कैदी बंद होने के कारण कुछ कैदियों को नोएडा की जेल में भी ट्रांसफर किए जाने पर विचार किया गया है। ताकि जितने भी बंदे जेल में बंद है। उनकी पूरी सुरक्षा की जा सके। उधर जेल में बंद बंदियों की मिलाई करने आने वालों की चेकिंग पोस्ट भी बढ़ाई गई है।
डासना जेल में ये हाईप्रोफाइल कैदी है बंद डासना जेल में हाई प्रोफाइल कैदी भी बंद है। इनमें अब्दुल करीम टुंडा, वलीउल्लाह, निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली व मोनिंदर सिंह पंढेर बंद है। इनके अलावा शेखर चौधरी, कुख्यात बदमाश सरवर, कुख्यात अपराधी भागमल भी इसी जेल में बंद है। बहुचर्चित आर्थिक घोटाले के आरोपी यादव सिंह, पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव, भाजपा नेता गज्जी भाटी के हत्याकांड में आरोपी पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा, सांसद के बेटे डॉक्टर सागर कश्यप जैसे हाईप्रोफाइल बंदी भी गाजियाबाद की डासना जेल में बंद है।
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