गाज़ियाबाद

स्कूल से घर जाते नौनिहालों की हालत देखकर रोंगटे हो जाएंगे खड़े, स्कूलों में पढ़ते हैं आपके बच्चे तो जरूर पढ़े ये खबर

जान जोखिम में डालकतर बच्चे जाते हैं स्कूल, पर सब है खामोश

गाज़ियाबादApr 26, 2018 / 07:43 pm

Iftekhar

गाजियाबाद. कुशीनगर में स्कूल बस और ट्रैन की टक्कर के बाद अब गाज़ियाबाद में स्कूली बच्चों के अभिभावकों को भी चिंता बढ़ गई है। इस बीच जब हमारे संवादादाता ने स्कूल से बच्चों को लेकर लौट रहे वाहनों का जायजा लिया तो सच्चाई देखकर पांव तले जमीन खिसक गई। स्कूल से बच्चे घर कैसे आते-जाते हैं। यकीन मानिए ये इतने भयवक है कि आप खुद सिहर उठेंगे। क्योंकि, बच्चे वैन में, रिक्शे में, थ्री व्हीलर में गाजर मूली की तरह भरे जाते हैं। साथ ही बच्चों को ले जाने वाले वाहनों में सुरक्षा के जो बेसिक इंतजाम तक नदारद हैं। हालत ये है कि संभागीय परिवहन विभाग और पुलिस इन रोकती है, लेकिन महज खानापूर्ति कर इन्हें छोड़ दिया जाता है और यह फिर दोबारा से अपने उसी ढर्रे पर चलते रहते हैं।

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तापमान 40 डिग्री और आसमान से सूरज आग उगल रहा है। इस मौसम में जहां एक बड़े-बड़े पनाह मांगने को मजबूर हो जाते हैं। बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के ऐसे हालात में ये मासूम वेनों में, रिक्शे में और थ्री व्हीलर में भरे जा रहे हैं। वो भी बेसिक सुरक्षा के इंतजाम जो होने चाहिए वो भी इनमे नदारद हैं।

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नियम के मुताबिक, स्कूली बच्चों को ले जाने वाले इस वैन में स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर लिखा होना चाहिए, लेकिन इसकी कार की नंबर प्लेट भी कमर्शियल नहीं है। इन वाहनों में आग बुझाने का यंत्र तक नहीं है । हालात ये है कि जिन वैन में बच्चियों को ले जाया जाता है उनमें कोई महिला केयर टेकर नहीं है। एक वाहन में जितने बच्चे बैठे जाने चाहिए उनसे दो गुना बच्चे बिठाये जा रहे हैं। थ्री व्हीलर में जहां ड्राइवर के पास बड़ों के बैठने पर पाबन्दी होती है। लेकिन, वहीं जान को जोखिम में डालकर बच्चे बैठे हुए थे। CNG के सिलिंडर पर भी बच्चे बैठे हुए थे। इन तस्वीरों को देखकर आप बेसक डर जायेंगे और सोचने पर मजबूर हो जायेंगे। लेकिन अगर लापरवाही की बात करे तो न सिर्फ पुलिस, परिवहन विभाग, स्कूल, बल्कि अभिभवक भी कही न कही इसके लिए जिम्मेदार हैं। अभिभावक जामते हैं कि उनके बच्चे कैसे जा रहे हैं। इसके बाद भी वे कभी इसका विरोध नहीं करते हैं।

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उधर इस पूरे मामले में गाजियाबाद के संभागीय परिवहन विभाग के आरटीओ प्रशासन विश्वजीत प्रताप सिंह से बात की गई तो उनका कहना है कि लगातार विभाग ऐसी गाड़ियों के खिलाफ अभियान चलाता रहता है।कई गाड़ियों को सीज भी किया जाता है। फिर भी कुछ वाहन चालक मौका पाते ही अपने इस धंधे में लिप्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस तरह के वाहनों के खिलाफ विभाग एक अभियान चलाने जा रहा है

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