इसके अलावा बुलंदशहर में तेज तूफान की वजह से 3 कैंटरों के साथ सड़क पर खड़े कई वाहन पलट गए। इस दौरान कैंटरों के नीचे कई कार और एक मोटर साइकिल दब गई। इस हादसे से एनएच-91 पर अफरा तफरी मची गई। इस दौरान बुलन्दशहर में आकाशीय बिजली गिरने से कई अलग-अलग जगह लग गई। इस वजह से देहात कोतवाली के सुतारी गाँव में कई घर जलकर खाक हो गए। वहीं, सिकन्द्राबाद कोतवाली क्षेत्र के बिलसुरी में बोंगे और बिटोरों में भीषण आग लग गई। लेकिन पहले अलर्ट के बावजूद जिले में कोई तैयारी नहीं थी। घटना की सूचना के 1 घण्टे बाद दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची। आंधी आने से बुलंदशहर कलेक्ट्रेट में एनआईसी का टावर गिर गया। टावर गिरने से वकील का लेंटर टूट गया। तेज बारिश के साथ आंधी तूफान की से वाहनों की रफ्तार रुक गई। इसके बाद बुलंदशहर की मंडी चौकी क्षेत्र के गांव महराजपुर के पास तेज आंधी और बारिश के चलते पेड़ और बिजली के खंबे टूट गए, हालांकि इस दौरान कोई जन हानि नहीं खबर नहीं है।
गौरतलब है कि मौसम विभाग ने 13 और 14 मई को उत्तर प्रदेश समेत देश के 13 राज्यों में भारी आंधी-तूफान और बारिश की आसंका को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया था। इस बीच १३ मई यानी रविवार को तेज़ आंधी और तूफान से बुलन्दशहर समेत पूरे एनसीआर और यूपी के लोगों को दो चार होना पड़ा। इस दौरान आसमान में अंधेरा छा गया। जिसे देखते हुए दुकानों को बन्द कर लोग भाग खड़े हुए। इस दौरान सड़कों पर भगदड़ मच गई। एनएच-91 पर देखते ही देखते अंधेरा छा गया। इसके बाद मुसाफिरों ने सुरक्षित जगह अपने वाहन लगा दिए, जिससे आवाजाही थम गई।
वहीं, गाजियाबाद में अचानक आई धूल भरी आंधी से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। जैसे ही आंधी-तूफान ने गाजियाबाद में दस्तक दी, तो लोग सुरक्षित जगह पर जाने लगे। आंधी आने से बिजली भी चली गई, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि, मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दे रखी थी कि दिल्ली सहित देश के विभिन्न राज्यों में धूल भरी आंधी और बारिश आने की आशंका है, जिसकी वजह से लोग पहले से ही सतर्क हो गए थे। इसके अलावा मेरठ में भी तेज तूफान ऐने की वजह से बिजली चली गई। इसके बाद चारों तरफ धूल का गुबार छा गया।
बिजनौर में तूफान की आग से गरीबो की 7 झोपड़ियां जलकर राख हो गई
थाना मण्डावर थाना क्षेत्र के विकास खंड़ की ग्राम पंचायत इच्छावाला जो कि गंगा नदी के टापू पर बसा हैं। रविवार शाम को तेज़ आंधी आने पर गांव निवासी मौसीन की बेटी ने चूल्हे की राख निकालकर छप्परनुमा झोपड़ी के पास ड़ाल दी थी। तेज़ तूफान चलने पर छप्पर पर रखी राख से उठी आग की चिंगारी से मौसीन के छप्पपरनुमा झोपड़ी में आग लग गयी । आग ने कुछ ही समय में विकराल रूप ले लिया । बाद में पास में खड़ी 7 झोपड़िया भी इस आग की चिंगारी से जल गई। इस तूफान से इन गरीबो के सामने अब खाने और रहने का संकट पैदा हो गया है।
झोपड़ियों में लगी आग से मौसीन का दस माह का बच्चा अरहान व उसके दो मवेशी, घर में रखी नगदी, एक बाइक, सहित खाने पीने और कपड़े,चारपाई सभी जलकर राख हो गयी। इस तूफानी आग से अन्य ग्रामीणो का भी इसी तरह नुकसान हुआ है। गांव में सांसद निधि से लगे चार सोलर स्ट्रीट लाईटे भी जलकर राख हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि सूचना पर आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड तक मौके पर मदद के लिये नहीं पहुँचा। ग्रामीणों ने खुद काफी मशक्कत कर आग पर काबू पाया। ग्राम प्रधान गुलशनव्वर का कहना है कि सात घरों में लगी आग से लाखों की क्षति ग्रामीणोंको पहुंची हैं।
गौरतलब है कि 13 और 14 तारीख को मौसम विभाग के हाई अलर्ट के बीच रिववार यानी 13 मई को पश्चिमी यूपी समेत पूरे एनसीएर में धूल भरी तेज आंधी के साथ ही बारिश हुई। लेकिन प्रशासन का इंतजाम पूरी तरह बेमानी साबित हुई।