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दो माह के बच्चे को लेकर मेरठ से गाजियाबाद आर्इ थी महिला
घंटाघर कोतवाली प्रभारी जयकरण सिंह ने बताया कि मंगलवार देर रात करीब 11 बजे मेरठ निवासी एक महिला अपने 2 महीने के बच्चे को लेकर गाजियाबाद आर्इ अपने रिश्तेदार के घर आर्इ थी। वह इस दौरान रिश्तेदार के घर जाने के लिए पैदल ही घंटाघर से गुजर ही रही थी। इसबीच ही कुछ लोगों ने उसे रोक लिया।लोगों ने उसके दो माह के बच्चे को भी उससे छिन लिया। साथ ही मौके पर भारी संख्या में लोग जमा हो गये।
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रंग अलग होने की वजह से यह आरोप लगा कर दी पिटार्इ
लोगों ने महिला का रंग काला अौर उसकी गोद में दो माह के बच्चे का रंग गोरा देख उसे बच्चा चोर होने के शक में रोक लिया।लोगों ने महिला से पूछा कि ये बच्चा कहां से उठाकर लाई हो। इस पर महिला ने बताया कि बच्चा मेरा है।लेकिन लोगों ने उसकी बात नहीं मानी।लोगों ने कहा कि तेरा रंग काला है आैर बच्चे का रंग गोरा है।ये बच्चा तेरा नहीं हो सकता।बस इसी बहस के बाद लोगों ने महिला को पीटना शुरू कर दिया।सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को जैसे तैस लोगों के चंगुल से छुड़ाया।
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पुलिस ने पता करार्इ सच्चार्इ तो हुआ खुलासा
पुलिस लोगों से महिला को छुड़ाकर उसे थाने ले गर्इ। यहां पुलिस ने महिला के बताये पते के अनुसार मेरठ पुलिस से टाइप किया। जिसके बाद मेरठ पुलिस महिला के बताये पते पर उसके घर पहुंची। वहां पता चला कि बच्चा महिला का ही है। वह मेरठ से अपने बच्चे को लेकर एक रिश्तेदार के घर आने के लिए निकली थी। वेरिफार्इ में बच्चा महिला का ही साबित होने पर पुलिस ने उसे छोड़ा।