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एनजीटी की अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान पर्यावरणविद से जुड़ी संस्था सोसाइटी फॉर एन्वायरमेंट और पर्यावरणविद् सुशील राघव के पक्ष को नकार दिया था। सुशील ने 2016 में हज हाउस के विरोध में एनजीटी में याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया कि खसरा नंबर 1402 और 1403 राजस्व रिकॉर्ड में नदी है। इसी तरह खसरा नंबर 1399 बंजर है। यह डूब क्षेत्र है और इस पर हज हाउस का निर्माण किया गया है। यहां आने वाले लोगों के मल को निबटाने के लिए एसटीपी भी नहीं बना है। अपने आदेशों में एनजीटी की तरफ से प्रदूषण निय़ंत्रण बोर्ड को आदेश दिए गए थे कि वो हज हाउस का निरीक्षण करके 136 किलोलीटर का एसटीपी बने होने को सुनिश्चित करें और इसके संबंध में सीलिंग कार्रवाई करके इसकी रिपोर्ट प्रेषित की जाए। यह भी पढ़ें