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वहीं घटना की जानकारी मिलने पर सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता भी इस दर्दनाक हादसा देखकर दहल गए। घटनास्थल से वापस लौटने के बाद उन्होंने मरने वाले परिजनों की स्थिति बयां की और दुखी होकर आईडीएसपी में जाकर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने करियर में दूसरी बार इतना खतरनाक मंजर देखा है। इससे पहले उन्होंने मेरठ के विक्टोरिया पार्क में हुई आगजनी की घटना के दौरान इस तरह के हालात देखे थे। 10 अप्रैल 2006 की घटना को याद करते हुए उन्होंने बताया कि उस आगजनी में 64 लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने बताया कि तब घटना में सैकड़ों लोग झुलस गए थे और उस समय उन्होंने मृतकों का पोस्टमार्टम तक किया था। तब भी इसी तरह विक्टोरिया पार्क में हर तरफ चीख पुकार मची हुई थी। मृतकों के शव बुरी तरह झुलसे हुए थे। लोग अपनों की तलाश में रोते बिलखते घूम रहे थे। करीब 15 साल बाद फिर से इसी तरह का मंजर उन्हें अब मुरादनगर में देखने को मिला।
मुरादनगर घटना पर फूटा मृतकों के परिजनाें का गुस्सा शव रखकर हाइवे किया जाम, देखें वीडियो लिंटर के नीचे से शवों को तलाशने का काम किया जा रहा था। चिकित्सक के रूप में मेरी जिम्मेदारी लोगों की जान बचाने की थी और यही मन में भी चल रहा था कि घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जाए ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। उन्होंने बताया कि मुरादनगर हादसे से एक बार फिर मेरठ के विक्टोरिया पार्क की तस्वीर आंखों के सामने घूम गई।