इस दर्दनाक हादसे की गूंज लखनऊ तक जा पहुंची थी और आनन-फानन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए थे । मृतकों के परिजनों को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी आवास और 10 लाख रुपए की सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की थी लेकिन मृतकों के परिजनों का कहना है कि अभी तक भी उनके सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई है और सरकारी आवास भी नहीं मिल पाए हैं ।अपनी इन मांगों को लेकर मृतक लोगों के परिजन सोमवार की शाम थाना मुरादनगर पहुंचे और साथ ही क्षेत्रीय विधायक अजीत पाल त्यागी से सरकार के द्वारा की गई घोषणा को जल्द से जल्द पूरे कराए जाने की मांग की।
आपको बताते चलें कि तीन जनवरी को थाना मुरादनगर इलाके में स्थित एक श्मशान घाट के बरामदे का लेंटर भरभरा कर गिर गया था। मलबे में करीबब 70 लोग दब गए थे। इनमें से 24 लोगों की जान चली गई थी जबकि 30 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। आनन-फानन में प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और पूरे मामले की गहनता से जांच करते हुए नगर पालिका की अधिकारी निहारिका सिंह ठेकेदार उसका पार्टनर और एक सुपरवाइजर को गिरफ्तार किया गया। बाकी गहनता से जांच शुरू की गई और यह मामला लखनऊ के लिए ट्रांसफर हो चुका है ।
उधर इन पीड़ित परिवारों का कहना है कि अभी असली गुनहगार पकड़े जाने बाकी है। उन्हें जल्द से जल्द पकड़ा जाए और पीड़ित परिवारों को सरकार के द्वारा जिस तरह से घोषणा की गई थी। उसके आधार पर सरकारी नौकरी और आवाज भी दिए जाएं। अपनी इन मांग को लेकर पीड़ित परिवार थाना मुरादनगर पहुंचे और क्षेत्रीय विधायक अजीत पाल त्यागी से भी जल्द से जल्द पूरी किए जाने के लिए गुहार लगाई।
क्षेत्रीय विधायक अजीत पाल त्यागी भी पीड़ित परिवारों के बीच पहुंचे और उन्होंने कहा कि इस बात को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाया जाएगा और सरकार के द्वारा की गई घोषणा भी जल्द से जल्द पूरी कराए जाने का प्रयास किया जाएगा।