गाजियाबाद ( ghazibad news ) मेरठ-दिल्ली राेड पर जाम लगा रहे ग्रामीण लिखित आश्वास के बाद शांत हुए। सुबह आठ बजे ग्रामीणाें ने हाइवे जाम कर दिया। दिनभर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी गुस्साए ग्रामीणाें काे शांत करने की काेशिश करते रहे लेकिन उन्हाेंने साफ कह दिया कि जब तक आर्थिक सहायता और सरकारी नाैकरी का लिखित आश्वासन नहीं मिलता वह नहीं मानेंगे। बाद में खुद कमिश्नर माैके पर पहुंचे जिन्होंने मृतकों के परिजनों को दस लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी का लिखित आश्वासन देकर शांत किया।
यह भी पढ़ें
बारिश भी नहीं रोक सकी एसपी के कदम, 50 km चले पैदल
रविवार काे गाजियाबाद के मुरादनगर ( Muradnagar ) में श्मशान घाट का लेंटर गिर गया था। इस दुर्घटान में 40 लोग दब गए थे जिसमें करीब 25 लोगों की माैत हाे गई। 15 लोग अभी भी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। इन सभी मृतकों का पोस्टमार्टम किए जाने के बाद शव परिजनाें काे साैंप दिए गए थे। साेमवार काे परिजनों ने शव रखकर हाइवे जाम कर दिया। जाम लगा रहे लाेगाें की मांग थी कि मृतक आश्रितों को 15 लाख आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए। यह भी पढ़ें
मुरादनगर हादसा : भीम आर्मी चीफ ने कहा मृतक आश्रितों काे 25-25 लाख मुआवजा दे सरकार
इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो तमाम प्रशासनिक अधिकारी पर कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और उन्हें समझाने का प्रयास किया गया लेकिन सड़क पर जाम लगा रहे लोगों ने किसी की एक नहीं सुनी।सभी करीब शाम 5:00 बजे तक सड़क पर ही जमे रहे। इतना ही नहीं प्रशासन के द्वारा मृतकों के शव उठाने के लिए एंबुलेंस को भेजा गया था उन्होंने शव भी नहीं उठाने दिए। बहरहाल इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए मेरठ मंडल के कमिश्नर प्रवीण कुमार मौके पर पहुंचे और लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद समझाया गया। यह भी पढ़ें