गाजियाबाद. महानगर में हाउस टैक्स (House Tax) की वृद्धि का मामला पिछले काफी समय से चला रहा है। जहां एक तरफ नगर निगम (Municipal Corporation) ने हाउस टैक्स बढ़ाए जाने का फैसला लिया। वहीं दूसरी तरफ कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए स्थानीय लोगों का काफी विरोध चल रहा था। बहरहाल अब नगर निगम ने लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती देखते हुए अब 15 फीसदी हाउस टैक्स में वृद्धि करने का फैसला टाल दिया है।
यह भी पढ़ें- यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द, डिप्टी सीएम ने बताया पास करने का फार्मूला नगर निगम में महापौर और नगर आयुक्त ने तमाम अधिकारियों के साथ बैठक के बाद हाऊस टैक्स नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है। बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि स्थिति सामान्य होने पर टैक्स की समीक्षा कर उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। हालांकि इस पूरे मामले में नगर आयुक्त ने अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
आपको बताते चलें कि नगर निगम हाल में ही हाउस टैक्स बढ़ाए जाने की पूरी तैयारी में था। जिसे लेकर विपक्षी दलों के अलावा खुद सत्ता पक्ष के पार्षद विरोध में आए गए और तमाम आरडब्ल्यूए ने भी इसका जमकर विरोध किया। माना जा रहा है कि हाल में ही नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना गाजियाबाद पहुंचे थे। तब सत्ता पक्ष के नेताओं ने ही टैक्स वृद्धि का विरोध करने की बात बताई गई। इतना ही नहीं इसमें यह भी बताया गया कि यदि हाल में टैक्स वृद्धि की जाती है तो निश्चित तौर पर भाजपा समर्थक भी पार्टी से दूरी बना सकते हैं। क्योंकि कोरोना काल में सभी लोग काफी परेशान हैं।
आपको बताते चलें कि नगर निगम हाल में ही हाउस टैक्स बढ़ाए जाने की पूरी तैयारी में था। जिसे लेकर विपक्षी दलों के अलावा खुद सत्ता पक्ष के पार्षद विरोध में आए गए और तमाम आरडब्ल्यूए ने भी इसका जमकर विरोध किया। माना जा रहा है कि हाल में ही नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना गाजियाबाद पहुंचे थे। तब सत्ता पक्ष के नेताओं ने ही टैक्स वृद्धि का विरोध करने की बात बताई गई। इतना ही नहीं इसमें यह भी बताया गया कि यदि हाल में टैक्स वृद्धि की जाती है तो निश्चित तौर पर भाजपा समर्थक भी पार्टी से दूरी बना सकते हैं। क्योंकि कोरोना काल में सभी लोग काफी परेशान हैं।
इसके अलावा स्थानीय लोग और आरडब्ल्यूए ने नगर निगम से मांग की कि हर साल अगस्त तक टैक्स जमा करने पर 20 प्रतिशत की छूट मिलती है। इस बार कोरोना काल की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जनवरी तक छूट की सीमा बढ़ा दी जाए। गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा का कहना है कि 2015 से नगर निगम ने टैक्स में कोई वृद्धि नहीं की है। टैक्स से ही विकास कार्य कराए जाते हैं। इस कारण विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए निगम ने टैक्स वृद्धि का फैसला लिया था, लेकिन फिलहाल हुई बैठक के बाद अभी यह टल गया है।