कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान गाजियाबाद के यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे हुए थे। सड़क पर ही लगातार लंगर चल रहा था। आंदोलनकारियों के लिए नगर निगम ने 10 मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की थी। जिसमें पांच 500 लीटर की पानी की टंकी भी लगाई गई थी। दिन में करीब 15 बार टंकी में पानी भरा जाता था और हर डेड से 2 घंटे के अंतराल पर टॉयलेट की सफाई भी की जाती थी। इसके अलावा आंदोलनकारियों को पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई थी। इसके लिए नगर निगम ने साढ़े चार हज़ार लीटर पानी की क्षमता वाले 32 टैंकरों की व्यवस्था भी की थी।
किसानों की घर वापसी की शुरुआत होते ही नगर निगम ने रविवार की शाम तक 10 पानी के टैंकर और दो मोबाइल टॉयलेट हटा लिए हैं। बाकी मोबाइल टॉयलेट और टैंकर भी 2 दिन के अंदर पूरी तरह से हटा लिए जाएंगे और यहां पर हुई गंदगी की सफाई भी शुरू कर दी गई है।
किसानों के आंदोलन के दौरान नेशनल हाईवे पर बीच सड़क में ही तंबू लगाए गए थे। दिल्ली का आवागमन पूरी तरह से ठप्प हो चुका था। दिल्ली आने जाने वाले लोगों का दूसरे रास्तों से घूम कर आना-जाना पड़ता था। इस दौरान आंदोलन की जगह पर नेशनल हाईवे काफी क्षतिग्रस्त भी हो गया है। इसे दुरुस्त करने के लिए भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम भी लगातार निरीक्षण कर रही है।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि यूपी गेट पूरी तरह से खाली होने के बाद ही क्षतिग्रस्त का आकलन किया जा सकेगा। इसके बाद ही यातायात के लिए खोलने के बारे में फैसला लिया जाएगा। फिलहाल की स्थिति में आंदोलन की जगह सड़क काफी क्षतिग्रस्त हो गई है।