गाज़ियाबाद

दीपावली पर पटाखों को लेकर जारी हुई गाइडलाइन, बेचने और फोड़ने पर होगी जेल

बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच अब जिले में दीपावली पर पटाखों को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है। गाइडलाइन के अनुसार अगर दीपावली पर पटाखें की बिक्री की या फिर फोड़ा तो जेल की हवा तक खानी पड़ सकती है। यहां तक कि बनाने वालों को भी जेल भेजा जाएगा।

गाज़ियाबादOct 28, 2021 / 02:01 pm

Nitish Pandey

गाजियाबाद. देश की राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद शहर इस समय एनसीआर का सबसे प्रदूषित शहर माना जा रहा है। दीपावली पर पटाखों को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है। जिसके तहत अब दीपावली के मौके पर सभी तरह के पटाखों की बिक्री और उन्हें फोड़ने पर रोक लगा दी गई है। एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों पर डीएम राकेश कुमार सिंह ने सभी एसडीएम और थानाध्यक्षों को पत्र भेजकर निर्देशों का सख्ती से पालन कराने को कहा है। अब पटाखा फोड़ने और बनाने वाले को जेल की हवा खानी पड़ेगी।
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पटाखों पर प्रतिबंध

हर साल जिले में त्योहारों के सीजन में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक जोन में चला जाता है। दीपावली के आसपास एक्यूआई 500 के पार पहुंच जाता है। हालांकि एनजीटी ने पिछले कई सालों ने धमाकेदार, धुआं युक्त पटाखों को बनाने और फोड़ने पर रोक लगा रखी है। अब दोबारा से पटाखों पर प्रतिबंध का आदेश जारी किया है।
पटाखों के बेचने और फोड़ने पर रोक

डीएम ने बताया कि वायु प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा प्रदूषण प्रबंधन के संबंध में समय-समय पर निर्देश जारी किए जाते हैं। दीपावली के अवसर पर पटाखों के प्रयोग से होने वाले वायु एवं ध्वनि प्रदूषण से लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। पर्यावरण पर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, समस्त उप जिलाधिकारियों एवं क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गाजियाबाद को कोविड-19 महामारी को देखते हुए दीपावली व अन्य पर्वों के दौरान पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री एवं प्रयोग के संबंध में रोक लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
पटाखों के प्रति चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

जिले में लोगों को पटाखों के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। जिसके तहत पटाखों के उपयोग से होने वाले कुप्रभाव के बारे जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाए। स्कूल-कॉलेज के छात्रों को पटाखों के कुप्रभाव के बारे में बताएं। संगोष्ठियां, रैलियों, नुक्कड़ नाटक, कार्यशालाओं के माध्यम से आतिशबाजी से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया जाए। पैनी निगाह रखें, डेटा समय से वेबसाइट पर अपलोड करें। ग्रीन पटाखों के लिए अनुमति तभी मिलेगी, जब वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
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