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जाम से मुक्ति के प्राधिकरण बना रहा है रोप-वे गाजियाबाद में आबादी बढ़ रही है और सड़कों पर लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है। हालांकि इस जाम से निपटने के लिए तमाम तरह की सड़कों का जाल भी बिछाया गया है। लेकिन उसके बाद भी लोगों को जाम से दो-चार होना पड़ता है। अब जाम से मुक्ति दिलाने के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने जो 485 करोड़ों रुपए के खर्च के बाद वैशाली मेट्रो स्टेशन से मोहन नगर चौराहे तक जो रोप-वे बनाने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण के इस फैसले को वरिष्ठ नागरिक सही नहीं मान रहे हैं। उनका मत है कि इसके स्थान पर मेट्रो का ही विस्तार किया जाए। क्योंकि मेट्रो से लोगों को ज्यादा राहत तो मिलेगी ही और मेट्रो से ज्यादा राजस्व भी प्राप्त होगा ही। इसके अलावा तमाम लोगों को रोजगार भी मिलेगा। रोप-वे से नहीं मिलेगी जाम से मुक्ति वरिष्ठ नागरिक समाज वसुंधरा के महासचिव डॉ देव कुमार सैंगर और आरडब्ल्यूए फेडरेशन ऑफ ट्रांस हिंडन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र शर्मा का कहना है कि प्राधिकरण ने लोगों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए जो निर्णय लिया है वह सराहनीय है। लेकिन यदि इस निर्णय के बजाए मेट्रो के विस्तार पर ध्यान दिया जाए तो वह ज्यादा कारगर सिद्ध होगा। क्योंकि रोप-वे चलने के बाद भी लोगों को जाम से पूरी तरह मुक्ति नहीं मिल पाएगी। इससे ज्यादा मेट्रो का विस्तार यदि होता है तो मेट्रो चलने के बाद लोगों को जाम से मुक्ति मिल सकती है।
मेट्रो का होना चाहिए विस्तार उन्होंने अपना मत बताते हुए कहा कि लगातार बढ़ती हुई आबादी को ध्यान में रखते हुए वैशाली से मोहन नगर और नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद तक मेट्रो का विस्तार किया जाना चाहिए। उसके बाद ही इन लोगों को जाम के झाम से मुक्ति मिल सकती है। उन्होंने आगे कहा कि यदि राज्य सरकार रोप-वे का निर्माण करती है तो फिर मेट्रो का विस्तार संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस इलाके में तमाम आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों से वार्ता की गई है तो उनका यही मत है कि रोप-वे के स्थान पर मेट्रो का विस्तार किया जाना चाहिए।