यह भी पढ़ें-नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी में मात्र 12वीं पास का कराते थे MBBS में ऐडमिशन और…
शादी के बाद करीब 1 साल तक सब कुछ ठीक चलता रहा। लेकिन एक साल बाद किसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच तकरार शुरू हो गई। हालांकि 1 साल बाद उन्हें एक पुत्र रत्न की भी प्राप्ति हुई। लेकिन आपस में दोनों पति-पत्नी का झगड़ा इस कदर बढ़ गया कि दोनों ने एक दूसरे से अलग रहने का फैसला कर लिया। जिसके बाद तमाम रिश्तेदारों द्वारा भी दोनों के बीच सुलह कराने के तमाम प्रयास किये गए, लेकिन किसी को भी इस मामले में कोई कामयाबी नहीं मिली। बाद में गाजियाबाद के महिला थाने में पत्नी द्वारा अपने पति के खिलाफ तहरीर दी गई और गाजियाबाद कोर्ट में गुजारा भत्ता लेने के लिए केस भी दायर किया गया।
शादी के बाद करीब 1 साल तक सब कुछ ठीक चलता रहा। लेकिन एक साल बाद किसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच तकरार शुरू हो गई। हालांकि 1 साल बाद उन्हें एक पुत्र रत्न की भी प्राप्ति हुई। लेकिन आपस में दोनों पति-पत्नी का झगड़ा इस कदर बढ़ गया कि दोनों ने एक दूसरे से अलग रहने का फैसला कर लिया। जिसके बाद तमाम रिश्तेदारों द्वारा भी दोनों के बीच सुलह कराने के तमाम प्रयास किये गए, लेकिन किसी को भी इस मामले में कोई कामयाबी नहीं मिली। बाद में गाजियाबाद के महिला थाने में पत्नी द्वारा अपने पति के खिलाफ तहरीर दी गई और गाजियाबाद कोर्ट में गुजारा भत्ता लेने के लिए केस भी दायर किया गया।
यह भी पढ़ें
महिला पुलिस कर्मियों से लूट की छानबीन करने गए एसपी सिटी ने कर दिया यह कांड वहीं दूसरी तरफ इसके पति ने भी अपने पुत्र को वापस लेने के लिए कोर्ट में केस दायर कर दिया। लगातार दोनों के केस की सुनवाई चलती आ रही थी। गुरुवार को बच्चे के पिता द्वारा दायर किए गए केस की सुनवाई होनी थी। इस दौरान कोर्ट में पति पहले से ही मौजूद था और पत्नी अपने बच्चे के साथ कोर्ट में पहुंची। जैसे ही बच्चे ने अपने पिता को देखा तो बच्चा अपने पिता के पास जाकर जोर-जोर से रोने लगा और अपने पिता के साथ जाने की जिद करने लगा। जैसे ही बच्चे ने अपने पिता से उनके साथ जाने की जिद की तो बच्चे को रोता हुआ देख कोर्ट परिसर में खड़े अन्य लोग और मौजूद कई वकीलों ने भी दोनों पति-पत्नी को काफी समझाया और बच्चे की खातिर दोनों को सारे मतभेद भुलाकर एक होने की सलाह दी।
यह भी पढ़ें
इस सीट को लेकर टूट सकता है सपा-बसपा गठबंधनजिस पर दोनों पति-पत्नी सहमत हो गए। उधर पति ने फैसले की शुरुआत करते हुए सबसे पहले अपनी पत्नी से सभी के सामने सॉरी बोला और कहा कि आगे से कभी ऐसा कोई कार्य नहीं होगा, जिससे आपको कोई परेशानी हो तो वहीं पत्नी ने भी सभी के सामने अपने पति को माफ करते हुए कहा कि वह अब अपना केस वापस लेने के साथ ही बच्चे की खातिर सारे मतभेद भुलाने के लिए भी तैयार है। पत्नी बस सभी के सामने इतना कहकर अपने पति के कंधे से लगकर भावुक हो गई और तभी निर्णय लिया कि दोनों ही अपने-अपने केस वापस लेंगे और आज से बच्चे की खातिर अपनी नई जिंदगी शुरु करेंगे। दोनों पति पत्नी के इस प्रकरण को देखकर मौजूद जज भी हैरान रह गए और उन्होंने भी दोनों को एक रहने की सलाह दी।
यह भी देखें-अपर मुख्य सचिव ने शासन की ग्रामीण स्तर पर संचालित कि ये योजना दोनों ने ही अपने-अपने केस वापस लेने की एप्लीकेशन जमा कर दी है। हालांकि अभी तक दोनों के द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर न्यायालय द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। दोनों पति-पत्नी के द्वारा सारे मतभेद भुलाकर एक साथ नई जिंदगी की शुरुआत किए जाने की बात कहकर पति अपनी पत्नी और बच्चे के लिए आइसक्रीम लेकर आया।जिसके बाद तीनों ही खुशी-खुशी अपने घर के लिए रवाना हो गए। बहरहाल इस पूरे प्रकरण के बाद यह साबित हो गया कि आखिर जिस कार्य को बड़े-बड़े लोग नहीं करा पाए वह कार्य महज एक 5 साल के मासूम ने कर डाला, क्योंकि जब दोनों पति-पत्नी के बीच जब झगड़े की शुरुआत हुई थी तो दोनों के ही रिश्तेदारों के द्वारा भी इनके बीच की दूरी खत्म कराने का प्रयास किया गया था। लेकिन सभी लोग इस मामले में असफल रहे और अब 5 साल के मासूम ने गुरुवार को दोनों पति-पत्नी के बीच की दूरियां खत्म कर डालीं।