गाज़ियाबाद

Private School ने छात्रा को कमरे में किया था बंद, अब दो साल बाद हाईकोर्ट ने लिया एक्शन

Highlights:
-पिछले दो वर्षों से दर-दर न्याय को भटक रहे परिजन
-स्कूल प्रबंधन ने कोई भी जवाब देने से इनकार किया
-हाईकोर्ट ने स्कूल को किया तलब

गाज़ियाबादDec 25, 2020 / 10:43 am

Rahul Chauhan

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। एक निजी स्कूल द्वारा कक्षा आठ में पढ़ने वाली छात्रा को फीस जमाना नहीं किए जाने के कारण एकांत में बने एक कमरे में कई घंटे के लिए बंद रखने के मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। जिसके बाद परिजनों का कहना है कि करीब दो साल बीत जाने के बाद अब उन्हें न्याय की उम्मीद जगी है। दरअसल, मामला 2018 का है। लाइनपार क्षेत्र के एक निजी स्कूल ने छात्रा को सिर्फ इसलिए एक कमरे में बंद रखा क्योंकि उसके परिजनों ने समय से फीस जमा नहीं की थी। स्कूल की छुट्टी होने के बाद उसे बंद कमरे से निकाला गया और छात्रा जब बेसुध हालत में घर पहुंची तो इसकी जानकारी परिजनों को मिली। छात्रा का उसी दिन से मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ है।
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परिजनों ने दिल्ली में छात्रा का उपचार कराया और यह शिकायत लेकर स्कूल प्रबंधन के पास पहुंचे। स्कूल प्रबंधन द्वारा इस आरोप को बेबुनियाद बताया और फीस जमा करने की बात कही गई। बहरहल छात्रा के परिजनों ने स्कूल में फीस जमा कराई और उनकी पुत्री का आठवीं का रिजल्ट फेल का दिया गया। इस पर छात्रा के परिजनों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि छात्रा की कॉपी चेक कराई जाएं। लेकिन दो दिन बाद ही जब मामला मीडिया में पहुंचा तो छात्रा के परिजनों को स्कूल बुलाया गया और दोबारा से आठवीं कक्षा 5 का रिजल्ट दिया गया। आरोप है कि छात्रा के परिजनों के साथ बदसलूकी भी की गई।
इस पूरे मामले की शिकायत छात्रा के परिजनों ने स्थानीय पुलिस से की। आरोप है कि यहां पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद छात्रा के पिता ने 156 /3 के तहत न्यायालय में मामला दर्ज कराया। आरोप है कि पुलिस के इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर के द्वारा लगाई गई रिपोर्ट के बाद मामला दब गया। छात्रा के पिता का आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत के कारण स्कूल प्रबंधन ने यहां न्यायालय में मामला दबाने का प्रयास किया। जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। जिसकी अब 8 दिसंबर 2020 को हुई सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने स्कूल प्रबंधन को भी तलब किया है।
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इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए छात्रा के पिता ने अपना दर्द बयां किया और कहा कि अब उन्हें उच्च न्यायालय से न्याय की उम्मीद जगती दिख रही है। क्योंकि अब उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा पूरे मामले का संज्ञान लिया गया है।छात्रा की सभी डॉक्टरी रिपोर्ट भी मांगी गई है। जिसके बाद अब स्कूल प्रबंधन को तलब किया है। वहीं जब इस मामले में स्कूल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई तो किसी ने भी कोई जवाब देने से साफ इंकार कर दिया।

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