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इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद के एआरटीओ प्रशासन विश्वजीत प्रताप सिंह ने बताया कि यदि वाहन का अस्तित्व समाप्त हो चुका है या स्थायी रूप से उपयोग के अयोग्य हो गया है, तो पंजीयन अधिकारी के यहाँ आवेदन प्रस्तुत कर अपने यान का पंजीयन का नियमानुसार निरस्तीकरण करा लें। यदि यान के पंजीयन की वैद्यता समाप्त हो गयी है तो केन्द्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के नियम-52 के अन्तर्गत किये गये प्राविधान के अनुसार ऐसे यान को मोटरयान अधिनियम की धारा-39 के अन्तर्गत विधिक रूप से पंजीकृत नहीं माना जा सकता है और इनका सार्वजनिक स्थान पर संचालन विधिमान्य नहीं है। यह भी पढ़ें