बैठक में लिया गया यह फैसला गुरुवार को तहसील बार एसोसिएशन की अहम बैठक अध्यक्ष मुकेश कुमार त्यागी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित लॉकडाउन की अवधि दिनांक 3 मई तक है। तब तक सभी अधिवक्ता, बैनामा लेखक, स्टांप विक्रेता आदि अपने कार्य से पूरी तरह अलग रहेंगे। मुकेश कुमार त्यागी ने कहा कि यह फैसला जनहित, न्यायहित और देशहित में लिया जा रहा है।
सरकार ने दिए हैं यह आदेश तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 15 अप्रैल को आदेश जारी किए गए हैं कि निबंधन संबंधित कार्यालय में विक्रय पत्रों के रजिस्ट्रेशन का काम ऑनलाइन प्रणाली द्वारा शुरू कराया जाए। प्रदेश सरकार के इस निर्णय का तहसील बार एसोसिएशन विरोध करती है। बैठक में मौजूद अधिवक्ताओं का कहना था कि कार्यालय खुलने से रजिस्ट्री का पंजीकरण होना संभव नहीं होगा।
यह है वजह उनका कहना है कि इस प्रक्रिया में हर पक्षकार के अंगूठे का निशान अनिवार्य होता है। संक्रमित होने की दशा में संक्रमण फैलने से इंकार नहीं किया जा सकता है। अंगूठे का निशान लेने के बाद हर बार बायोमीट्रिक मशीन को सैनिटाइज भी नहीं किया जा सकता है। इससे वायरस फैलने का खतरा है। साथ ही 3 मई तक लॉकडाउन होने के कारण जनपद गाजियाबाद और आसपास के जनपदों की सीमाएं सील हैं। ऐसे में क्रेता, विक्रेता, गवाह, अधिवक्ता, बैनामा लेखक, स्टांप विक्रेता, मुंशी आदि का तहसील कंपाउंड में आना संभव नहीं होगा। तहसील बार एसोसिएशन ने ऑनलाइन रजिस्ट्री के कार्य का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर दिया है।