Chocolate Day: अपनों को देंगे ये चॉकलेट तो सेहत रहेगी फिट यह है पूरा मामला प्रदेश में पहली बार ई-शिक्षा ऐप लागू करने वाले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने दो महीने पूर्व शिक्षकों को शिक्षा ऐप द्वारा स्कूलों में हाजिरी लगाने का आदेश पारित किया था। इसके तहत शिक्षक को अपनी और क्लास में आए बच्चों की फोटो खीचकर ऐप पर डालनी होगी। जब अध्यापकों ने इस ऐप का विरोध किया तो जिलाधिकारी द्वारा इस सिस्टम को लागू करने का निर्देश जारी कर दिया गया। 1 फरवरी से सभी परिषदीय स्कूल के प्रत्येक अध्यापक को इस आदेश को मानने का निर्देश जारी किया गया था लेकिन लगभग 75 फीसदी अध्यापकों ने अपने एंड्रॉयड फोन में ना तो इस ऐप को डाउनलोड किया और न ही इसके द्वारा हाजिरी लगा रहे हैं।
VIDEO: रिजर्वेशन के बाद भी नहीं मिलीं यात्रियों को सीट, रात भर चला हंगामा ये आती हैं दिक्कतें उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री अनुज त्यागी का कहना है कि जनपद में पांच ब्लाॅक हैं। वहीं परिषदीय स्कूलों के लगभग 30 फीसदी अध्यापकों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं हैं। अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल होने के कारण नेटवर्क प्रॉब्लम बनी रहती है। ई-शिक्षा गाजियाबाद का सर्वर डाउन रहता है। लगभग 9 बजे स्कूल में अध्यापक पहुंचते हैं। वहां 10 से 15 मिनट लग जाने पर ई-शिक्षा का एेप हाजिरी लेने में असमर्थ हो जाता है। इससे अध्यापकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस पर भेजी गई कंप्लेंट को ऐप स्वीकार नहीं करता।
Video: एक छोटी सी लापरवाही से पिता और इकलौते बेटे की मौत, मां घायल 12 फरवरी को करेंगे विरोध अनुज त्यागी ने बताया कि जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी के साथ बातचीत का नतीजा नहीं निकल पाया है। डीएम ने ई-शिक्षा ऐप लागू करने पर हठधर्मी दिखाई है। इस कारण उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले समस्त शिक्षक 12 फरवरी को विरोध-प्रदर्शन करके अपनी नाराजगी जाहिर करेंगे।