इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए मंगलवार को गाजियाबाद के एसएसपी वैभव कृष्ण ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि नेपाल से लाई गई सभी 30 लड़की और महिलाएं करीब 22 वर्ष से 45 वर्ष की आयु की थी। जिन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर यहां लाया गया था। अभी तक की जांच में पता चला है कि इन सभी लड़की और महिलाओं को गल्फ कंट्री में मेड के लिए भेजा जाना था। लेकिन पिछले 2 माह से इन्हें इंदिरापुरम इलाके में स्थित दो फ्लैटों में रखा गया था। जिनमें से दो लड़कियां वहां से किसी तरह निकल कर दिल्ली पहुंची और उन्होंने अपने रिश्तेदार को इन सभी लड़की और महिलाओं के बारे में बताया। जिसके बाद यहां छापामारी के दौरान कुल 28 लड़की और महिलाओं को बरामद किया गया। 7 नेपाली लड़कियों को मंगलवार को भी इंदिरापुरम पुलिस द्वारा बरामद किया गया है।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान बरामद हुई इन लड़की और महिलाओं के पास से कुल 17 पासपोर्ट बरामद हुए हैं जबकि बाकी के पास पासपोर्ट नहीं मिला है। जिससे यह मामला कहीं ना कहीं संदिग्ध नजर आता है। उन्होंने बताया कि भारत के रहने वाले तीनों लोगों के खिलाफ मानव तस्करी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जबकि दुबई और नेपाल के रहने वाले दोनों शख्स के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किए जाने की तैयारी की जा रही है। इन दोनों के बारे में भी नेपाल और दुबई में सूचित किया जा चुका है और सभी लड़की और महिलाओं के 164 के बयान के लिए कोर्ट में हाजिर किया जाएगा। जिसके बाद कोर्ट द्वारा ही यह तय किया जाएगा कि इन सभी लड़की और महिलाओं को बालिका सुधार गृह या इन्हें वापस नेपाल भेजा जाएगा।
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पुलिस द्वारा बरामद की गई लड़की और महिलाओं किसी भी तरह के सेक्स रैकेट के इंवॉल्व होने से इनकार किया है लेकिन शुरुआती दौर में जो 2 लड़कियां वहां से फरार हुई थी। उनका आरोप है कि उन्हें यहां सेक्स रैकेट में धकेलने की तैयारी की जा रही थी। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा होता है कि इतनी लड़कियां बरामद होने के बाद भी महज 17 पासपोर्ट इन के पास से बरामद हुए हैं। यह साफ है कि जिनके पास पासपोर्ट थे तो उन्हें नौकरी के लिए विदेश भेजा जा सकता था। बाकी अन्य लड़की और महिलाओं के पास जब पासपोर्ट ही नहीं है। तो उन्हें गल्फ कंट्री में नौकरी के लिए कैसे भेजा जा सकता था।