गाज़ियाबाद

Viral Audio: UP Police ने रिटायर्ड कर्नल के बेटे को इस तरह फंसाया कि बाद में IG को लेना पड़ा एक्शन

खबर की मुख्य बातें-
-इस पूरे मामले में पीड़ित द्वारा आईजी के कार्यालय में सबूत के साथ मुरादनगर पुलिस की शिकायत दर्ज कराई गई है
-पीड़ित द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर आईजी द्वारा एसपी देहात गाजियाबाद को जांच सौंपी है
-गाजियाबाद पुलिस ने तत्काल प्रभाव से एक पुलिसकर्मी को निलंबित भी कर दिया गया

गाज़ियाबादJul 25, 2019 / 04:27 pm

Rahul Chauhan

police

गाजियाबाद। अपने कारनामों के लिए प्रसिद्ध यूपी पुलिस का एक और ऐसा मामला सामने आया है जिसमें फिर खाकी पर दाग लगे हैं। वहीं इसके बाद से गाजियाबाद पुलिस में हड़कंप मच हुआ है। दरअसल, मामला मुरादनगर थाने का है। जहां पुलिस द्वारा ढाई लाख रुपए की रकम ना मिलने के बाद रिटायर्ड कर्नल के बेटे को शराब तस्कर बना दिया और उसे फरार दिखा उसकी पत्नी के भाई को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया। इस पूरे मामले में पीड़ित द्वारा बुधवार को आईजी के कार्यालय में सबूत के साथ मुरादनगर पुलिस की शिकायत दर्ज कराई गई है। पीड़ित द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर आईजी द्वारा एसपी देहात गाजियाबाद को जांच सौंपते हुए 48 घंटे में रिपोर्ट तलब किए जाने के आदेश पारित किए। जिसका संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से एक पुलिसकर्मी को निलंबित भी कर दिया गया।
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कंस्ट्रक्शन का काम करता है पीड़ित

जानकारी के मुताबिक थाना गंगानगर जनपद मेरठ के मीनाक्षीपुरम में रहने वाले रिटायर्ड कर्नल एके शर्मा का बेटा विक्रम शर्मा बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम करता है। विक्रम के मुताबिक बीती 15 जुलाई को उसने नई स्कॉर्पियो कार खरीदी थी और 20 जुलाई को उसकी पत्नी का भाई नितिन नई कार मांगकर ले गया था। रात करीब 9:00 बजे के आसपास लौटते वक्त उसे मुरादनगर पुलिस ने रोक लिया और दरोगा दीपक कुमार, विपिन कुमार ने आरोप लगाया कि वह कोई एक्सीडेंट करके भागा है। उसके द्वारा सफाई देने पर दोनों दारोगा ने ढाई लाख रुपए की मांग कर डाली।
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थानाध्यक्ष पर भी लगे आरोप

बहरहाल, पूरा मामला थाना मुरादनगर जा पहुंचा। आरोप है कि थानाध्यक्ष ओ.पी सिंह द्वारा भी पीड़ित से ढाई लाख रुपए मांगे गए। साथ ही धमकी दी गई कि यदि ढाई लाख नहीं दिए गए तो फर्जी तरह से उसे शराब तस्करी में जेल भेज दिया जायेगा। इस पूरे मामले में विक्रम सिंह का कहना है कि उन्होंने 20 जुलाई को ही दरोगा दीपक को ₹50,000 दिए थे और उसके बावजूद भी पुलिस ने नितिन को शराब तस्करी में जेल भेज दिया। इतना ही नहीं, खुद विक्रम सिंह को भी आरोपी बनाकर फरार दिखा दिया गया। विक्रम सिंह का कहना है कि वह लगातार थाने के चक्कर लगाता रहा, जबकि पुलिस ने उसे फरार घोषित किया हुआ था। उसका सीसीटीवी फुटेज भी थाने में ही उपलब्ध है। विक्रम सिंह द्वारा एक दरोगा से की गई इस पूरे मामले की वार्ता का ऑडियो भी अपने पास बताया है और उसे सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया गया।
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एक कांस्टेबल निलंबित

मामले का संज्ञान लेते हुए आईजी द्वारा गाजियाबाद के एसपी देहात नीरज कुमार जादौन को मामले की जांच सौंप दी गई है और 48 घंटे के अंदर ही जवाब मांगा गया है। इस पूरे मामले में एसपी देहात नीरज कुमार जादौन का कहना है कि इस तरह का मामला सामने आया था। फिलहाल पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है और ऑडियो के आधार पर आनन-फानन में एक कांस्टेबल सिंह राज को निलंबित भी कर दिया गया है। फिलहाल जांच की जा रही है। जल्द ही पूरी जांच आईजी कार्यालय को भेज दी जाएगी। वहीं आईजी आलोक कुमार सिंह का कहना है कि मामले की जांच एसपी देहात गाजियाबाद को सौंपकर 48 घंटे में रिपोर्ट तलब की गई है। रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया जाएगा। दोषी मिलने पर निश्चित तौर पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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