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इसको बाइक के लॉक खोलने में महारथ हासिल है और ये महज पांच मिनट में तीन बाइक के लॉक खोल देता है। पुलिस के मुताबिक जैसे ही कोई अपनी बाइक को खड़ा करता, वैसे ही गिरोह का एक सदस्य उसके पीछे लग जाता और उसकी हर हरकत पर नजर रखता। इसकी सारी जानकारी वह गिरोह के अन्य सदस्यों को देता। अगर बाइक का मालिक जल्दी लौटकर वापस आता आता तो वो साथी को अलर्ट कर देता था, जिससे गिरोह के सभी लोग बाइक के पास से दूर खड़े हो जाते थे। यह भी पढ़ें: 25 हजार के इनामी ‘वकील’ का पुलिस से हुआ सामना तो जमकर हुई ‘ठायं-ठायं’, देखें वीडियो पुलिस ने अनुसार बाइक चुराने के बाद ये गिरोह कुछ दिन तक उसे अपने पास रखता और फिर बाइक की नंबर प्लेट को बदलकर गाजियाबाद में ही चलाता। इसके बाद वह बाइक के लिए ग्राहक की खोज करते और सही दाम मिलने पर बेचकर निकल जाते।