गाजियाबाद एमएमजी हॉस्पिटलों में भी दो मासूमों की माैत हो चुकी है, जिनके परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था। तीमारदार ही एक बच्चे को स्ट्रेचर पर लेकर इधर से उधर दौड़ते दिखे। पीने के लिए मिलता है नल का पानी, जबकि कुछ टोटी भी सूखी पड़ी हैं। तीमारदारों को ही पकड़नी पड़ती है ड्रिप। अस्पताल में पंखे भी बस शोपीस बनकर रह गए हैं। इन कुर्सियों पर कौन बैठेगा। इस समय अस्पताल में बढ़ रही है मरीजों की संख्या। जिला अस्पताल में घंटों लाइन में लगने के बाद आता है नंबर