रोजाना होती थीं 700 रजिस्ट्रियां एडवोकेट रामानंद गोयल का कहना है कि गाज़ियाबाद की तहसील में रोजाना करीब 700 रजिस्ट्रियां होती थीं। इनसे करीब 6 करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को जाता था। कुछ दिन पहले डीएम फ्री होल्ड प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर रोक लगा छी थी। बैनाम लेखकों की मानें तो उस दिन से महज 40 या 45 रजिस्ट्री हो रही हैं। उधर, तहसील में कुछ ऐसे भी दिखे, जो अपनी प्रॉपर्टी बेचना चाहते थे और एडवांस भी ले चुके थे। इस आदेश के बाद उनकी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री भी नहीं हो पा रही है। तहसील में आए एक शख्स ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए एक प्लॉट बेचा था। उसका बयाना भी ले लिया था। अब उसकी रजिस्ट्री होनी थी।