गाज़ियाबाद

सिपाही और दरोगाओं की भारी कमी से जूझ रहा है उत्तर प्रदेश का यह शहर, ये हैं हालात

एसएसपी हरिनारायण सिंह के मुताबिक पूरे प्रदेश में पुलिसकर्मियों के लिए भर्ती खुली है। जल्द ही सभी थानों में पर्य़ाप्त स्टाफ होगा।

गाज़ियाबादJan 31, 2018 / 03:55 pm

Rahul Chauhan

गाजियाबाद। राजधानी दिल्ली से सटे महानगर गाजियाबाद में आपराधिक मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी बदमाश आसानी से वारदातों को अंजाम देकर निकल जाते हैं। पिछले कुछ दिनों में ट्रांस हिंडन एरिया (टीएचए) में आपराधिक गतिविधियों की बाढ़ सी आई रही, लेकिन पुलिस के हाथ अधितम मामलों में खाली ही रहे। इसके पीछे वजह सुरक्षा बल का कम होना बताया जा रहा है।
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पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक लोगों के कम होने की वजह से वर्क प्रेशर अधिक रहता है। इसकी वजह से सारा काम उलझ कर रह जाता है। हालात इतनी बदतर है कि 100 मामलों की जांच अकेले एक दरोगा को करनी पड़ती है। ऐसे में वो किस हिसाब से उनकी जांच करे और कैसे अपने क्षेत्र में गश्त करे।
टीएचए के चार थानों की स्थिति
ट्रांस हिंडन में चार प्रमुख थाने आते है। लिंक रोड, साहिबाबाद, इंदिरापुरम और खोड़ा। इन सभी में इंदिरापुरम थाने की बात की जाए तो यहां पर मौजूदा समय में 84 सिपाही और 22 दरोगा तैनात हैं, जबकि 40 और पुलिसकर्मियों की जरूरत है। इसी तरह साहिबाबाद थाने में 122 सिपाही और 35 दरोगा तैनात हैं। इसके बावजूद मानक के हिसाब से 55 और पुलिसकर्मीयों की जरूरत है। लिंक रोड थाने में 90 सिपाही और 9 दरोगा हैं। यहां 33 पुलिस कर्मियों की कमी है। इसके अलावा गौतमबुद्धनगर से सटे खोड़ा थाने में 73 सिपाही और 12 दरोगा हैं, यहां पर भी 36 पुलिसकर्मी की आवश्यकता है।
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हफ्तेभर में नहीं मिलता अवकाश
एक दरोगा ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि साल भर में एक इंस्पेक्टर को 70 से 80 विवेचनाएं मिलनी चाहिए, लेकिन मौजूदा हालात में इनकी संख्या 150-200 तक पहुंच जाती है। ऐसे में कितने समय में इन केसों को सॉल्व किया जाए और कब क्षेत्र में गश्त की जाए। साप्ताहिक अवकाश न मिलने की वजह से भी दिक्कत बनी रहती है।
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एसएसपी का कहना
एसएसपी हरिनारायण सिंह के मुताबिक पूरे प्रदेश में पुलिसकर्मियों के लिए भर्ती खुली है। जल्द ही सभी थानों में पर्य़ाप्त स्टाफ होगा। अपराध पर लगाम कसने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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