गाजियाबाद ( ghazibad news ) दिल्ली-यूपी गेट पर किसानों के बार-बार बेरीकेट्स तोड़ने के बाद अब दिल्ली पुलिस ने अपनी व्यवस्था और भी अधिक मजबूत कर दी है। अवराेधक के पास दिल्ली पुलिस ने बड़े बड़े पत्थर और सीमेंट के अवराेधक लगाने शुरू कर दिए हैं। पुलिस अपनी किलेबंदी को मजबूत कर रही है तो उधर किसानों के हौसले बुलंद हैं और किसानों ने साफ कह दिया है कि चाहे जो भी कर लो हमारे रास्ते रुकने वाले नहीं हैं।
यह भी पढ़ें
एक दिसंबर से बदल जाएगा एटीएम से कैश निकालने का तरीका, जानिए क्या हैं नए नियम
आपको बताते चलें कि पिछले कई दिनों से किसान कृषि बिल का विरोध करते हुए दिल्ली की तरफ कूच करने की तैयारी में हैं लेकिन यूपी पुलिस और दिल्ली पुलिस उन्हें दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दे रही। हरियाणा पंजाब की ओर से आ रहे किसानों को सिंघु बॉर्डर पर रोक दिया गया था और इधर उत्तर प्रदेश और पश्चिमी प्रदेश से दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए यूपी गेट पर किलेबंदी की गई है। यह भी पढ़ें
‘जामताड़ा’ तो यूं ही बदनाम, अब यूपी का ये शहर बना साइबर अपराधियों का अड्डा
गाजियाबाद यूपी गेट पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात करने के साथ-साथ बेरीगेटिंग लगाई गई थी। किसानों की संख्या ज्यादा होने के कारण किसानों ने बेरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया था जिसके बाद अब वहां पर क्रेन बुलाकर हैवी पत्थर और बेरिगेटिंग लगाई जा रही हैं। एक ओर किसान बड़ी संख्या में मौजूद हैं तो दूसरी ओर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस के आला अधिकारी भी मौजूद हैं। इतना ही नहीं पुलिस के द्वारा ड्रोन कैमरे से भी नजर बनाई जा रही है। यूपी गेट के एक तरफ किसान दिल्ली में घुसने की तैयारी कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ पुलिस बड़े-बड़े पत्थर लगाकर उन्हें रोकने के प्रयास में जुटी हुई है। यह भी पढ़ें
16 माह में 626 लड़कियां बरामद करवाने में अहम भूमिका निभाने वाले सिपाही को मिलेगा मेडल
भले ही पुलिस पत्थर के अवराेधक लगाकर किसानों को रोकने का प्रयास कर रही हो लेकिन किसानों की संख्या इस वक्त पुलिस फोर्स से कहीं ज्यादा हो गई है और जिस तरह से किसान दिल्ली कूच करने के लिए बेताब नजर आ रहे हैं। उसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि एक बार फिर किसानों और पुलिस के बीच यूपी गेट पर भी जोरदार टकराव ही हो सकता है। बता दें कि यूपी गेट पर किसान पिछले तीन दिन से डेरा डाले हुए हैं। सुरक्षा बल भी पूरी तरह तैनात है। खुद गाजियाबाद के जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे और एसएसपी कलानिधि नैथानी लगातार नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा इस रास्ते से निकलने वाले सभी लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले दो दिन तक स्थिति पूरी तरह सामान्य नजर आ रही थी और वहां से लोग आसानी से आवाजाही कर रहे थे लेकिन जिस तरह से फिलहाल की स्थिति नजर आ रही हैउसे देखते हुए अब आम लोगों की आवाजाही पर भी यहां से पूरी तरह रोक लगा दी गई है। यह भी पढ़ें
हाथरस: बिटिया के गांव में बदला माहौल, बजने लगी शहनाइयां
यूपी गेट पर किसानों ने चेतावनी भरा एक अपना बोर्ड लगा दिया है। उस पर धारा 288 लगा दी गई है। जब किसान यूनियन के नेताओं से पूछा गया कि धारा 288 क्या है तो उन्होंने कहा कि पुलिस जब किसी की एंट्री बंद करती है या अशांति की आशंका देखती है तो वह धारा 144 लगाती है। धारा 144 का दोगुना है यह धारा 288 इसका भी वही मतलब है। जो धारा 144 का है यह किसानों की अपनी धारा है। यह भी पढ़ें: यूपी गेट पर आज करीब डेढ़ हजार किसान जा पहुंचे हैं लेकिन बड़ी बात यह है कि इस बार किसानों ने खुद धारा 288 का बोर्ड लगाकर किसानों को आधा किया गया है। जब तक कोई आदेश ना मिले तब तक कोई भी किसान आगे नहीं बढ़ेगा ना बेरिकेडिंग नहीं तोड़ेगा और शांति पूर्वक यहीं जमे रहेंगे। इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि पुलिस अपनी तरफ से किसी भी गड़बड़ी को फैलने से रोकने के लिए धारा 144 का इस्तेमाल करती है। तो वही जब बड़ी संख्या में किसान एकत्र हो जाते हैं तो उन्हें कंट्रोल किए जाने के उद्देश्य से किसान यूनियन धारा 288 का इस्तेमाल करती है और आज यूपी गेट पर भी यही किया गया है। उन्होंने कहा कि किसान प्रशासनिक अधिकारियों या पुलिस से उलझना नहीं चाहते।