यह भी पढ़ें- गाजीपुर बॉर्डर पर महापंचायत में बोले भाकियू अध्यक्ष, हमलावरों के खिलाफ ना करें कोई कार्रवाई ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि सरकार किसानों की बातों को अनदेखा कर रही है। जबकि किसान देश की रीढ़ की हड्डी माना जाता है और इसे अन्नदाता कहा जाता है, लेकिन अन्नदाता का सरकार द्वारा घोर अपमान किया जा रहा है। पिछले 4 महीने से भी ज्यादा किसानों को धरने पर बैठे हुए हो चुके हैं, लेकिन किसी का भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं है और किसान अब यह मन बनाए हुए हैं कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वह घर वापसी नहीं करेंगे। किसानों का कहना है कि इतना समय बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, लगता है कि सरकार गहरी नींद में सोई हुई है। सरकार को नींद से जगाने के लिए 24 घंटे के लिए ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जाम करने का फैसला लिया गया है। इसलिए अपने नेताओं के आह्वान पर किसान धरने पर बैठ गए हैं।
वहीं, दूसरी तरफ जैसे ही किसान ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर पहुंचे और सड़क पर जाम लगाया तो वहां से निकलने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि किसानों की घोषणा के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है और वहां भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है। मौके पर पहुंचे एसपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने बताया कि जिस तरह से किसानों के द्वारा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जाम किए जाने की घोषणा की गई थी। तभी से यहां से निकलने वाले वाहनों का रूट डायवर्जन कर दिया गया है और अन्य वैकल्पिक रास्तों से इन लोगों को निकाला जा रहा है। ताकि किसी तरह की उन्हें कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने बताया कि धरने पर बैठे किसानों को समझाने का भी प्रयास किया गया है।